Mallikarjun Kharge and Jagdeep Dhankhar: राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ और कांग्रेस प्रमुख मल्लिकार्जुन खड़गे के बीच शुक्रवार को हुई नोकझोंक के बाद आज सुबह सदन में हंसी-मजाक के कई पल साझा किए गए। शुक्रवार को धनखड़ ने खड़गे के वेल में उतरने पर इससे दुखी होने की बात कही थी, लेकिन सोमवार को जब खड़गे ने घुटने के दर्द के कारण खड़े रहने में असमर्थता जाहिर की तो धनखड़ ने उन्हें बैठे-बैठे सदन को संबोधित करने की इजाजत दे दी। साथ ही ऐसी बात कही कि पूरा सदन खिलखिला उठा।
खड़गे की टिप्पणी और धनखड़ की हाजिरजवाबी
81 वर्षीय खड़गे ने कहा कि अगर चेयरमैन इजाजत देंगे तो वे बैठे-बैठे बोलेंगे। धनखड़ ने तुरंत जवाब दिया कि वे खड़गे की सुविधा का ख्याल रखेंगे। धनखड़ ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष अपनी शारीरिक स्थिति को ध्यान में रखते हुए इस बारे में खुद निर्णय ले सकते हैं। इस पर खड़गे ने मुस्कुराते हुए कहा कि बैठे हुए भाषण देने में वह जोश नहीं होता जो खड़े होकर बोलने में होता है। इस पर ने राज्यसभा के चेयरमैन भी सहमति जताई और दोनों नेता मुस्कुराए।
#WATCH | Speaking on the Motion of thanks on President's address, LoP Rajya Sabha Mallikarjun Kharge says, "The President is the most important part of the Parliament, we respect the President. This year the President’s first address was in January and second in June. The first… pic.twitter.com/rQD5jUz4f1
— ANI (@ANI) July 1, 2024
हंसी-मजाक के बीच गंभीर मुद्दों पर हुई चर्चा
सभापति ने मजाक में कहा कि उन्होंने खड़गे की मदद की है, जिस पर खड़गे ने जवाब दिया कि कभी-कभी वे भी मदद करते हैं। इसके बाद, सत्ता पक्ष के कुछ सदस्यों की हंसी से खड़गे ने पूछा कि वे क्यों हंस रहे हैं और कहा कि इस तरह वे गुमराह होते हैं। इस पर सदन में फिर से हंसी का माहौल बन गया। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी भी मुस्कुराती नजर आईं।
बहस के दौरान खड़गे की मजेदार टिप्पणियां
राष्ट्रपति के अभिभाषण पर अपने जवाब में खड़गे ने कहा कि राष्ट्रपति का अभिभाषण सिर्फ सरकार की तारीफ करने पर केंद्रित था। उन्होंने भाजपा सांसद सुधांशु त्रिवेदी के भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि कभी-कभी वे द्विवेदी, त्रिवेदी और चतुर्वेदी के बीच भ्रमित हो जाते हैं। धनखड़ ने इस पर मुस्कुराते हुए कहा कि इस पर आधे घंटे की चर्चा हो सकती है।
पिछले विवाद पर खड़गे का बयान
शुक्रवार को सदन में विपक्ष के सदस्यों के वेल में आने पर तीखी टिप्पणी करने पर खड़गे ने कहा था कि उन्हें अध्यक्ष की अनदेखी के कारण वेल में जाना पड़ा। उन्होंने आरोप लगाया कि धनखड़ ने जानबूझकर उनका अपमान किया और सत्ताधारी पार्टी को प्राथमिकता दी।