Rameswaram Cafe Blast Case: कर्नाटक के बेंगलुरु के रामेश्वरम कैफे विस्फोट मामले में प्राइम सस्पेक्ट अब्दुल मतीन ताहा और मुसाविर हुसैन शाजिब को एनआईए स्पेशल कोर्ट ने 10 दिन की पुलिस हिरासत में भेज दिया है। कोलकाता से शुक्रवार को एनआईए ने गिरफ्तार किया था। तीन दिन की ट्रांजिट रिमांड पर उन्हें बेंगलुरु लाया गया था। आरोपियों को जल्द ही कैफे ले जाकर स्पॉट इंक्वायरी की जाएगी। साथ ही दोनों संदिग्धों को उन जगहों पर भी ले जाया जाएगा, जहां वे बेंगलुरु और चेन्नई में ठहरे थे।
क्या आईएसआईएस का हाई वैल्यू एसेट था मथीन?
पकड़ा गया अब्दुल मथीन रामेश्वरम कैफे में विस्फोट मामले का मास्टरमाइंड है। उस पर भारत में इस्लामिक स्टेट आतंकवादी समूह हाई वैल्यू एसेट्स में से एक होने का संदेह है। कर्नाटक के गृह मंत्री जी परमेश्वर ने कहा कि आरोपी ने कैफे में जो टोपी पहना था, उसे चेन्नई से खरीदा गया था। ऐसा लगता है कि वो कहीं भागना चाहते थे। जांच में पता लग जाएगा कि क्या उनको भगाने में उस तरफ (बांग्लादेश) से कोई मदद कर रहा है। यह सबकुछ जांच के बाद जल्द पता चल जाएगा।
#WATCH | Bengaluru, Karnataka: Two prime suspects of The Rameswaram Cafe blast case were produced before NIA special court judge. They have been sent to police custody for 10 days. pic.twitter.com/F8kIL8LNbE
— ANI (@ANI) April 13, 2024
कहां से गिरफ्तार हुए थे ताहा और शाजिब?
एनआईए ने आरोपी अब्दुल मथीन माहा और मुसाविर हुसैन शाजिब को कोलकाता से करीब 190 किमी दूर पूर्व मेदिनीपुर जिले के दीघा के एक होटल से गिरफ्तार किया है। ताहा ने विस्फोट की प्लानिंग की और उसे अंजाम देने का मास्टरमाइंड था। जबकि शाजिद ने कैफे में आईईडी बम रखा था। एनआई का यह भी कहना है कि ताहा आईएसएसआई के एक मामले में वांटेड था। उसकी तलाश एजेंसी को बीते 5 साल से थी।
कौन है कर्नल, जिसके संपर्क में था ताहा
ताहा को नवंबर 2022 में मंगलुरु में आईएस प्रायोजित प्रेशर कुकर बम विस्फोट, 2022 में शिवमोग्गा परीक्षण विस्फोट और 2020 में अल हिंद मॉड्यूल मामले से जोड़ा गया है। वह एक कर्नल के सीधे संपर्क में था, जिसका नाम दक्षिण और मध्य भारत में कई मामलों में सामने आया है।
एनआईए के अधिकारी ताहा और मुसाविर हुसैन शाज़िब से कर्नल की पहचान, उनके साथ हुई बैठकों की संख्या, आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने के लिए भुगतान के तरीके और उनकी भविष्य की योजनाओं के बारे में पूछताछ करने की योजना है।
हफ्ते भर कैफे की रेकी की
कैफे विस्फोट के बाद ताहा ने खुद तमिलनाडु से और मुसाविर हुसैन के लिए बेंगलुरु से भागने की प्लानिंग की थी। दो सप्ताह पहले गिरफ्तार किए गए एक अन्य आरोपी मुजम्मिल शरीफ ने खुलासा किया था कि ताहा ने उसे आईईडी के लिए कुछ सामान जुटाने का निर्देश दिया था।
ताहा ने एक सप्ताह से अधिक समय तक कैफे की रेकी की। उसने हमलावर के लिए होटल और शहर में एंट्री और फरार होने की पूरी प्लानिंग की।
बार-बार बदला होटल, कैश में किया भुगतान
आरोपियों को कोलकाता के एकबालपुर इलाके में ड्रीम गेस्ट हाउस में चेकिंग करते हुए देखा गया था। उनका सीसीटीवी फुटेज भी सामने आया। वे 25 मार्च को होटल पहुंचे और 28 मार्च को फर्जी पहचान पत्र पर चेकआउट किया। यह उनके पूर्वी मिदनापुर जिले की ओर जाने से पहले की बात है।
कानून प्रवर्तन एजेंसियों की गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपियों ने कर्नाटक छोड़ते समय बार-बार अपना पता बदला। पकड़े जाने से पहले उन्होंने विभिन्न राज्यों में कई छोटे होटलों में डेरा डाला। कोई डिजिटल सबूत न छूटे, इसके लिए उन्होंने नकद भुगतान किया।