India's Most Wanted Fugitives: भारत के भगोड़ों की अब खैर नहीं है। केंद्रीय जांच ब्यूरो, प्रवर्तन निदेशालय और राष्ट्रीय जांच एजेंसी के अधिकारियों की एक हाई लेवल टीम जल्द ब्रिटेन जाएगी। डीलर संजय भंडारी, हीरा व्यापारी नीरव मोदी और किंगफिशर एयरलाइंस के प्रमोटर विजय माल्या को जल्द भारत लाया जाएगा। ANI के मुताबिक, लंदन जाने वाली टीम पारस्परिक कानूनी सहायता संधि (MLT) के तहत यूके के अधिकारियों के साथ द्विपक्षीय चर्चा में शामिल होगी।
बता दें कि एमएलएटी पर साइन करने नाते, यूके और भारत दोनों आर्थिक अपराधियों और अन्य लोगों से जुड़ी आपराधिक जांच पर कानूनी रूप से जानकारी साझा करने के लिए बाध्य हैं। एनआईए टीम वर्तमान में खालिस्तानी आंदोलन से जुड़े कई आतंकी संदिग्धों की जांच कर रही है।
लंदन में भारतीय उच्चायोग की मॉनिटरिंग में होगी बैठक
केंद्रीय गृह मंत्रालय एमएलएटी मामलों के लिए नामित प्राधिकारी है। हालांकि विदेश मंत्रालय इस मामले में यूके के साथ राजनयिक बातचीत में लगा हुआ है, क्योंकि विदेशी मामलों में अपील विदेश मंत्रालय की तरफ से भेजी जाती है। यूके अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान टीम में विदेश मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे। यह बैठक लंदन में भारतीय उच्चायोग की मॉनिटरिंग में होगी।
रिपोर्ट के अनुसार, संयुक्त टीम जनवरी में ब्रिटेन जाएगी। हालांकि अभी तारीख तय नहीं है। भगोड़ों के प्रत्यर्पण की प्रक्रिया में तेजी लाने के अलावा टीम लंदन में उनके द्वारा अर्जित संपत्तियों के बारे में जानकारी मांगेगी, जिसमें उनके बैंकिंग लेनदेन की जानकारी भी शामिल है।
भगोड़ों पर क्या-क्या हैं आरोप?
भगोड़े संजय भंडारी, नीरव मोदी और विजय माल्या ने प्रत्यर्पण मामले ब्रिटेन की अदालत में अपील दायर कर रखी है। नीरव मोदी पर पीएनबी से साढ़े 6 हजार करोड़ रुपए फ्रॉड करने का आरोप है। इसके अलावा संजय भंडारी रक्षा सौदे में घोटाले का आरोपी है। वह 2016 में भारत से भागा था। एजेंसी ने उसकी 26 प्रॉपर्टी जब्त कर चुकी है। चार्जशीट भी दायर हो चुकी है। वहीं, कोर्ट विजय माल्या और नीरव मोदी को भगोड़ा घोषित कर चुका है। माल्या की 5,000 करोड़ रुपये से अधिक की संपत्ति बैंक धोखाधड़ी के कारण कुर्क और जब्त की जा चुकी हैं।