Sharjeel Imam gets Bail: राजद्रोह मामले में गिरफ्तारी के साढ़े 4 साल बाद शरजील इमाम को बड़ी राहत मिली है। दिल्ली हाईकोर्ट ने शरजील को जमानत दे दी है। शरजील के कथित भड़काऊ भाषणों के लिए उनके खिलाफ राजद्रोह का केस दर्ज किया था। शरजील इमाम ने निचली अदालत के उस आदेश को चुनौती दी थी, जिसमें उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया गया था।
कड़कड़डूमा कोर्ट से नहीं मिली थी राहत
फरवरी में दिल्ली की कड़कड़डूमा अदालत ने शरजील इमाम को वैधानिक जमानत देने से मना कर दिया था। इसके बाद शरजील ने हाईकोर्ट में उस आदेश को चुनौती दी थी। याचिका में तर्क दिया गया था कि अगर शरजील को मामले में दोषी ठहराया जाता है तो मिलने वाली अधिकतम सजा का आधा से अधिक हिस्सा वह पहले ही काट चुका है।
Delhi High Court grants bail to Sharjeel Imam in sedition case. He had sought statutory bail on the grounds of time spent in the custody since January 2020. He is also accused in larger conspiracy case of Delhi riots.
— ANI (@ANI) May 29, 2024
पूर्वाेत्तर को भारत से अलग करने का दिया था भाषण
जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (JNU) के रिसर्च स्कॉलर शरजील इमाम को जनवरी 2020 में पूर्वोत्तर को शेष भारत से अलग करने के कथित आह्वान के लिए देशद्रोह का मामला दर्ज किए जाने के बाद गिरफ्तार किया गया था। नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के बीच यह टिप्पणी की गई थी। शरजील के खिलाफ दिल्ली, असम, मणिपुर, अरुणाचल प्रदेश और उत्तर प्रदेश सहित कई राज्यों में मामले दर्ज किए गए थे।
दिल्ली पुलिस के अनुसार, शरजील इमाम ने जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय और अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कार्यक्रमों में देश को तोड़ने वाले भाषण दिए। वह कथित तौर पर नए नागरिकता कानून के खिलाफ दिल्ली के शाहीन बाग में विरोध प्रदर्शन के आयोजकों में से एक था।
अदालत में उठाया सजा का मुद्दा
जस्टिस सुरेश कुमार कैत और जस्टिस मनोज जैन की हाईकोर्ट की पीठ के समक्ष दलील देते हुए अभियोजन पक्ष ने कहा कि शरजील इमाम ने अपने भाषणों में कथित तौर पर पूर्वोत्तर को देश से अलग करने की धमकी दी थी। इमाम पर देशद्रोह से संबंधित आईपीसी की धारा के तहत आरोप लगाया गया था, और गैरकानूनी गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम की धारा 13 भी लगाई गई थी।
जमानत की मांग करते हुए शरजील ने अदालत को बताया कि यूएपीए की धारा 13 के तहत अधिकतम सजा सात साल है और वह पहले ही चार साल से अधिक समय से हिरासत में है। एक ट्रायल कोर्ट ने पहले उसे जमानत देने से इनकार कर दिया था, यह देखते हुए कि किसी आरोपी की हिरासत असाधारण परिस्थितियों में बढ़ाई जा सकती है। इमाम उत्तर-पूर्वी दिल्ली में 2020 के दंगों से जुड़े कई मामलों में भी आरोपी है।