Sultanpur election Controversy: पूर्व भाजपा सांसद मेनका गांधी ने शनिवार को इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में याचिका दाखिल की। इसमें उन्होंने सुल्तानपुर से समाजवादी पार्टी के सांसद रामभुअल निषाद के चुनाव को चुनौती दी है। गांधी ने आरोप लगाया है कि निषाद ने अपने नामांकन पत्र में सभी लंबित आपराधिक मामलों की जानकारी नहीं दी थी।
अपराधिक मामलों की जानकारी छुपाई
मेनका गांधी ने अपनी याचिका में लिखा है कि निषाद के खिलाफ 12 आपराधिक मामले दर्ज हैं। इसके बावजूद सपा सांसद ने चुनावी शपथ पत्र में केवल आठ मामलों का ही जिक्र किया था। इसके अलावा, चार मामलों में चार्जशीट दायर होने की जानकारी भी छुपाई गई थी। मेनका गांधी ने शनिवार को हाई कोर्ट के रजिस्ट्रार के सामने व्यक्तिगत रूप से पेश होकर यह याचिका दाखिल की।
रामभुअल निषाद ने मेनका गांधी को हराया था
बता दें कि रामभुअल निषाद ने जून में हुए लोकसभा चुनाव में मेनका गांधी को 43,174 वोटों के अंतर से हराया था। निषाद को 4,44,330 वोट मिले थे जबकि गांधी को 4,01,156 वोट मिले थे। मेनका गांधी के वकील प्रशांत सिंह ने कहा, 'मेनका गांधी ने सपा सांसद रामभुअल निषाद के चुनाव को चुनौती दी है क्योंकि उन्होंने चुनावी शपथ पत्र में आपराधिक मामलों की पूरी जानकारी नहीं दी थी।'
सुल्तानपुर लोकसभा चुनाव रद्द करने की मांग
प्रशांत सिंह ने आगे बताया कि 'रामभुअल निषाद ने चुनाव आयोग को गुमराह किया। उन्होंने चार आपराधिक मामलों में आरोप पत्र दायर होने की जानकारी छुपाई।याचिका में आरोप लगाया गया है कि आपराधिक पृष्ठभूमि की जानकारी छुपाना भ्रष्ट आचरण है और इसे प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 100 के तहत शामिल किया गया है। मेनका गांधी ने याचिका में प्रार्थना की है कि इसी आधार पर सुल्तानपुर लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र का चुनाव अवैध घोषित किया जाए। समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने इस मामले पर कहा, 'अदालत जो भी फैसला करेगी वह हमें मंजूर होगा।'