SC Hearing on Delhi pollution: सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार(5 दिसंबर) को दिल्ली प्रदूषण मामले पर सुनवाई हुई। अदालत ने इस दौरान दिल्ली सरकार को जमकर फटकार लगाई। मजदूरों को राहत राशि देने में देरी पर नाराजगी होकर कोर्ट ने सरकार से पूछा, "क्या मजदूर भूखे मरें?" बता दें कि सरकार की ओर से 90,000 मजदूरों को हर एक मजदूर को 8,000 रुपए का मुआवजा दिया जाना था, लेकिन मजदूरों को प्रति व्यक्ति 2,000 रुपए ही दिए गए।
दिल्ली सरकार ने कोर्ट के सामने कल तक बचे हुए 6,000 रुपए का भुगतान करने का वादा किया। अदालत ने चेतावनी दी कि अगर आदेश का पालन नहीं हुआ तो दिल्ली सरकार के खिलाफ अवमानना का नोटिस जारी किया जाएगा।
गैर-रजिस्टर्ड मजदूरों को भी दें मुआवजा
दिल्ली सरकार ने बताया कि पोर्टल पर 90,693 मजदूर रजिस्टर्ड हैं। कोर्ट ने पूछा, जो रजिस्टर्ड नहीं हैं, उनका क्या होगा? सरकार ने कहा कि 35 मजदूर यूनियनों को सूचना दी गई है। अदालत ने पिछले आदेशों का पालन न करने पर नाराजगी जताई। मजदूरों को राहत पहुंचाने के लिए ठोस कदम उठाने का निर्देश दिया गया। कोर्ट ने दिल्ली सरकार से गैर-रजिस्टर्ड मजदूरों को भी मुआवजा देने का निर्देश दिया।
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राजस्थान, हरियाणा ने कोर्ट को सौंपा जवाब
राजस्थान सरकार ने कोर्ट को बताया कि हमारे NCR क्षेत्र में 3,526 मजदूर हैं। इनमें से 2,062 को भुगतान किया गया है। वहीं, हरियाणा ने बताया कि 2.57 लाख मजदूरों में से 1.06 लाख को राहत मिली। उत्तर प्रदेश सरकार ने 97 करोड़ रुपए आवंटित किए हैं, जिसमें 8,046 मजदूरों को भुगतान हुआ है। कोर्ट ने सभी राज्यों को निर्देश दिया कि मुआवजा प्रक्रिया को जल्द से जल्द पूरा किया जाए।