(रुचि राजपूत)
Astro Tips Of Bhagwat Geeta : हिंदू धर्म के अनुसार पवित्र ग्रंथों की श्रेणी में 18 स्मृतियां, 18 पुराण और रामायण व महाभारत ग्रंथ माने जाते हैं। श्रीमद्भागवत गीता हिंदुओं के पवित्र ग्रंथो में से एक है। यह पुस्तक वेदव्यास जी द्वारा रचित हैं। गीता के अनुसार दुनिया में सबसे अधिक पवित्र भक्ति और प्रेम में समर्पित होना है। गीता में लिखा ज्ञान जीवन में बहुत काम आता है और हर मोड़ पर मार्गदर्शन करता है। इसलिए इस पवित्र ग्रंथ को पढ़ना बहुत जरूरी बताया गया है। इसके साथ ही श्रीमद्भागवत गीता को पास में रखना बहुत लाभकारी माना गया है। वहीं कुछ लोग श्रीमद्भागवत गीता को अपने पर्स में, बैग में, अलमारी में रखते हैं। वहीं कुछ लोग भागवत गीता पढ़ने के बाद अपने तकिए के नीचे रखते हैं। प्रसिद्ध ज्योतिषी पंडित धर्मेंद्र दुबे से जानते हैं कि तकिए के नीचे भगवत गीता रखना शुभ है या अशुभ।
तकिए के नीचे भगवत गीता रखने से क्या लाभ होते हैं?
श्रीमद्भागवत गीता को तकिये के नीचे रखना शुभ माना जाता है। इसके कुछ लाभ भी हैं लेकिन भागवत गीता को तकिये के नीचे रखने के कुछ नियम भी है। तकिये के नीचे श्रीमद्भागवत गीता रखने से नकारात्मक प्रभाव खत्म हो जाते हैं। डरावने स्वप्न और चिंतित मनन से छुटकारा मिलता है, नकारात्मक ऊर्जा आपके पास नहीं आती, मन शांत रहता है और बार-बार नींद खुलने की समस्या से छुटकारा मिलता है। इसके अलावा मन में गंदे विचार नहीं आते और अच्छे से नींद आती है।
भागवत गीता को तकिए के नीचे रखने के नियम
भागवत गीता एक पवित्र धार्मिक ग्रंथ है, भागवत गीता को स्वच्छ और पवित्र पीले रंग के मखमल के कपड़े में लपेट कर रखें।
कभी भी गीता को खुला हुआ ना छोड़ें।
अगर गीता का कोई अध्याय शुरू किया है तो उसे बीच में ना छोड़े समाप्त कर कर ही आसन पर से उठे।
भागवत गीता को सोते समय ही तकिये के नीचे रखें, दिन में इसे स्वच्छ स्थान जैसे भगवान के मंदिर में रख सकते हैं।
अगर आप बिस्तर पर बैठते हैं या खाना खाते हैं उसे समय भागवत गीता को स्पर्श ना करें।
कहते हैं इससे पाप के भागी बनते हैं।