Neem Karoli Baba Train Story: नीम करोली बाबा ने हनुमान जी की महिमा को दुनियाभर में प्रचारित किया है। 20वीं सदी के महान संत और आध्यात्मिक गुरु बाबा नीम करोली के बारे में कहा जाता है कि, उन्हें कई सिद्धियां प्राप्त थी। बावजूद इसके वह स्वयं को एक साधारण आदमी ही माना करते थे, लेकिन उनके अनुयायियों ने उन्हें हनुमान अंश मानकर हमेशा पूजा हैं। बाबा नीम करोली की सादगी का अंदाजा आप इसी बात से लगा सकते है कि, वह किसी को भी अपने चरण स्पर्श करने नहीं देते थे। वह मानते थे कि सब ईश्वर का ही रूप है और सभी समान है, कोई छोटा-बड़ा नहीं और कोई भी अमीर-गरीब नहीं।
संत 1972 में शरीर त्याग करने के बाद भी बाबा नीम करोली की महिमा आज भी बढ़ती जा रही है। उत्तराखंड स्थिति कैंची धाम में लोग बाबा के समद्धि स्थल पर दर्शन करते है। बाबा से जुड़े कई चमत्कारिक किस्से जनमानस में फैले हुए है, उन्हीं में से एक बाबा नीम करोली की ट्रेन वाली कहानी। चलिए जानते है-
नीम करोली बाबा ट्रेन स्टोरी
(Neem Karoli Baba Train Story)
बताया जाता है कि, एक बार नीम करोली बाबा फर्स्ट क्लास कंपार्टमेंट में सफर कर रहे थे, लेकिन उनके पास टिकट नहीं था। ऐसे में टिकट चेकर (टीसी) आया तो उसने बाबा को अगले स्टेशन पर उतार दिया। इसके बाद बाबा करोली ट्रेन से थोड़ी दूरी पर चिमटा गाड़कर बैठ गए। अब जब अधिकारियों ने ट्रेन को आगे ले जाने के लिए हरी झंडी दी तो ट्रेन एक इंच भी आगे नहीं खिसक सकी। तमाम प्रयासों के बावजूद रेलवे अधिकारी ट्रेन को टस से मस नहीं करवा सके।
इस पूरी स्थिति में एक लोकर मजिस्ट्रेट की नजर बाबा नीम करोली पर पड़ी, जोकि उन्हें पहले से जानता था। उसने अधिकारियों से बाबा से माफी मांगने को कहा। साथ ही कहा कि, बाबा को ट्रेन में सम्मानपूर्वक बैठाया जाए। इसके बाद जैसे ही बाबा नीम करोली को ट्रेन में बैठाया गया तो ट्रेन चल पड़ी।
डिस्क्लेमर: यह जानकारी सामान्य मान्यताओं पर आधारित है। Hari Bhoomi इसकी पुष्टि नहीं करता है।