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Vaibhav Laxmi Vrat: हिन्दू धर्म में सप्ताह के सातों दिन अलग- अलग देवी- देवताओं की पूजा अर्चना की जाती है और इनका विशेष महत्व, पूजा विधि और उपाय होते हैं।

Vaibhav Laxmi Vrat: हिन्दू धर्म में सप्ताह के सातों दिन अलग- अलग देवी- देवताओं की पूजा अर्चना की जाती है और इनका विशेष महत्व, पूजा विधि और उपाय होते हैं। शुक्रवार के दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। शास्त्रों के अनुसार माना जाता है कि शुक्रवार के दिन व्रत करने से घर में सुख समृद्धि आती है। मां लक्ष्मी को सुख शांति और वैभव की देवी माना जाता है ,इसलिए इस व्रत को वैभव लक्ष्मी व्रत भी कहा जाता है।

मां लक्ष्मी के इस व्रत को महिलाओं के अलावा पुरुष भी कर सकते हैं, लेकिन इस व्रत से जुड़े कई नियम भी होते हैं। शास्त्रों में मां लक्ष्मी के कई रूपों को बताया गया है। जैसे धनलक्ष्मी, गजलक्ष्मी, संतान लक्ष्मी और मां वैभव लक्ष्मी के रूप में पूजा जाता है। आइए जानते हैं कि व्रत कब और कैसे करें। इससे जुड़े खास नियम क्या-क्या हैं। इस व्रत को अपने सामर्थ्य के अनुसार 11 या 21 शुक्रवार के दिन किया जा सकता है और इसके बाद व्रत का उद्यापन करें। व्रत वाले दिन भूलकर भी खट्टी चीजें न खाएं।  

पूजा की विधि 

  • शुक्रवार को व्रत का संकल्प कर नहाएं और लाल रंग के वस्त्र पहनें।
  • अब पूजा के स्थान एक चौकी के ऊपर लाल रंग का कपड़ा बिछा लें। 
  • चौकी पर मां की प्रतिमा या तस्वीर स्थापित कर दें।
  • अब कलश की भी स्थापना करें और घी का दीपक जलाएं।
  • इसके बाद मां को सिंदूर, अक्षत, फूल और माला चढ़ाएं।
  • व्रत कथा पढ़ें और आरती करें।
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