Andy Roberts on  Champions trophy 2025: वेस्टइंडीज के पूर्व क्रिकेटर एंडी रॉबर्ट्स ने इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल (ICC) पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उनका कहना है कि आईसीसी हमेशा भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) के हित में फैसले लेती है। रॉबर्ट्स का यह बयान ऐसे समय आया है जब कई लोग मानते हैं कि भारतीय टीम की लोकप्रियता और राजस्व क्षमता के चलते उसे बाकी क्रिकेट बोर्ड् के मुकाबले ज्यादा सुविधाएं मिलती हैं।

चैंपियंस ट्रॉफी 2025 को लेकर भी सवाल उठे हैं। इस टूर्नामेंट की मेजबानी पाकिस्तान को करनी थी लेकिन भारत ने वहां खेलने से इनकार कर दिया। इसके बाद आईसीसी ने टूर्नामेंट को हाइब्रिड मॉडल में आयोजित करने की अनुमति दे दी, जिसमें भारतीय टीम के सभी मैच दुबई में खेले गए।

गौर करने वाली बात यह है कि भारत ने ग्रुप स्टेज, सेमीफाइनल और फाइनल सभी मुकाबले दुबई इंटरनेशनल क्रिकेट स्टेडियम में खेले और खिताब भी जीता। इस फैसले पर कई क्रिकेट विशेषज्ञों और पूर्व खिलाड़ियों ने सवाल उठाए।

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रॉबर्ट्स ने आईसीसी को बताया 'इंडियन क्रिकेट बोर्ड'
पूर्व कैरेबियाई तेज गेंदबाज एंडी रॉबर्ट्स ने आईसीसी की नीतियों पर सवाल उठाते हुए कहा कि यह संस्था पूरी तरह से बीसीसीआई के इशारों पर चलती है। उन्होंने कहा, 'मेरे लिए आईसीसी का मतलब 'इंडियन क्रिकेट बोर्ड' है। भारत जो चाहता है, वही होता है। अगर कल भारत कहे कि 'अब से नो-बॉल और वाइड नहीं होंगे', तो आईसीसी इसे भी मान लेगी।

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आईसीसी को कड़ा रुख अपनाने की सलाह
रॉबर्ट्स ने आईसीसी से अनुरोध किया कि वह बीसीसीआई के हर फैसले को न माने। उन्होंने कहा कि कुछ तो बदलाव होना चाहिए... भारत को हर चीज की मंजूरी नहीं मिलनी चाहिए। आईसीसी को कभी-कभी 'ना' भी कहना सीखना चाहिए। भारत को हमेशा सुविधाएं मिलती हैं। पिछले साल के टी20 वर्ल्ड कप में भी भारत को पहले से पता था कि उसका सेमीफाइनल कहां होगा। अब चैंपियंस ट्रॉफी में भारत को सफर तक नहीं करना पड़ा। कोई भी टीम बिना यात्रा किए टूर्नामेंट कैसे खेल सकती है?

क्या वाकई ICC बीसीसीआई के इशारों पर चलती है?
रॉबर्ट्स के इन आरोपों के बाद क्रिकेट जगत में एक नई बहस छिड़ गई है। क्या आईसीसी सच में बीसीसीआई के दबाव में फैसले लेती है? क्या अन्य क्रिकेट बोर्ड्स को भी समान अधिकार मिलने चाहिए? यह सवाल अब क्रिकेट प्रशंसकों के बीच चर्चा का विषय बन गए हैं।