Virat Kohli bcci rules: भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) ने साफ कर दिया है कि वह खिलाड़ियों की फैमिली को लेकर बनाई गई अपनी विवादित पॉलिसी में कोई बदलाव नहीं करेगा। बोर्ड के नवनियुक्त सचिव देवजीत सैकिया ने बुधवार को कहा कि यह पॉलिसी देश और बोर्ड दोनों के लिए बेहद अहम है और इसे रातों-रात नहीं बनाया गया, बल्कि ये पिछले कई दशकों से चली आ रही।
BCCI की यह नीति कहती है कि किसी भी 45 दिन से ज्यादा लंबे विदेशी दौरे पर खिलाड़ियों के परिवार सिर्फ 14 दिन के लिए साथ रह सकते हैं। छोटे दौरे पर यह समय और भी कम है। खास परिस्थितियों में ही बोर्ड परिवार के ज्यादा समय तक रहने की अनुमति देता है। खिलाड़ियों, कोचिंग स्टाफ और मैनेजमेंट —सभी पर यह पॉलिसी समान रूप से लागू होती है।
यह नियम भारत के ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी हारने के बाद चर्चा में आया था। हालांकि, BCCI ने इसे सार्वजनिक तौर पर कभी घोषित नहीं किया।
विराट कोहली ने उठाए सवाल
हाल ही में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु के इवेंट में विराट कोहली ने इस नीति पर नाराजगी जताते हुए कहा था कि खिलाड़ियों के लिए अपने परिवार का साथ बहुत जरूरी है। कोहली ने कहा था, 'अगर आप किसी भी खिलाड़ी से पूछेंगे कि क्या वे अपने परिवार को हमेशा साथ रखना चाहेंगे, तो जवाब हां ही होगा। मैं मैच के बाद अपने कमरे में अकेला बैठकर मायूस नहीं रहना चाहता। परिवार के साथ रहना मानसिक रूप से बहुत जरूरी है।' विराट ने यह भी कहा कि जिन लोगों का इस फैसले से कोई लेना-देना नहीं है, उन्हें बेवजह बीच में लाया जा रहा है।
BCCI सचिव ने क्या कहा?
सचिव देवजीत सैकिया ने क्रिकबज से बातचीत में कहा, 'यह नीति हमारे बोर्ड और देश के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। इसे सभी टीम सदस्यों- खिलाड़ी, कोच, मैनेजर, सपोर्ट स्टाफ- के हित को ध्यान में रखते हुए लागू किया गया है।'
उन्होंने आगे कहा, 'यह नई पॉलिसी नहीं है। यह दशकों से लागू है, हमारे अध्यक्ष रोजर बिन्नी के खेलने के समय से भी पहले से। इसे टीम यूनिटी और अनुशासन बनाए रखने के लिए तैयार किया गया है।'
अब आगे क्या हो सकता है?
कोहली इस मुद्दे पर खुलकर बोलने वाले पहले बड़े खिलाड़ी हैं। BCCI के रुख से साफ है कि फिलहाल इस नीति में किसी तरह का बदलाव नहीं होने जा रहा, भले ही कुछ खिलाड़ी असहमति जताएं।