Concussion Substitute: भारत-इग्लैंड के बीच टी20 सीरीज खत्म हो गई है। भारतीय टीम ने यह सीरीज 4-1 से अपने नाम कर ली। लेकिन अब कन्कशन सब्सटीट्यूट को लेकर भारतीय टीम पर लगातार पक्षपात और भ्रष्टाचार के आरोप सोशल मीडिया पर लगाए जा रहे है। सीरीज के खत्म होने के बाद भी यह मामला लगातार गरमाता जा रहा है। इंग्लैंड के कप्तान जोश बटलर ने इसको लेकर पहले ही सवाल उठाए थे। लेकिन इसके बाद अब आईसीसी के मैच रेफरी क्रिस ब्रॉड ने निशाना साधते हुए कहा कि ICC दोबारा बुरे और पुराने दिन की ओर क्यों लौट रहा है?
पूर्व कप्तान पीटरसन की प्रतिक्रिया का ब्रॉड ने किया समर्थन
इंग्लैंड के पूर्व कप्तान केविन पीटरसन की टिप्पणी पर ब्रॉड ने प्रतिक्रिया व्यक्त की है। केविन पीटरसन ने कहा था कि हर्षित राणा, शिवम दुबे के लिए उपयुक्त प्रतिस्थापन नहीं हैं। ब्रॉड ने कहा कि वह पूरी तरह से इससे सहमत हैं। पीटरसन की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया देते हुए उन्होंने कहा, "बिल्कुल सहमत हूं। एक भारतीय मैच रेफरी इस भारतीय प्रतिस्थापन को अनुमति देकर कैसे बच सकता है? मैच अधिकारियों को पक्षपात से दूर रहने के लिए स्वतंत्र होना चाहिए।
महान खिलाड़ी सुनील गावस्कर ने गंभीर पर बोला हमला
भारतीय क्रिकेट के दिग्गज खिलाड़ी और महान क्रिकेटरों में शुमार सुनील गावस्कर ने भी गौतम गंभीर की अगुवाई वाली टीम प्रबंधन पर यह कहते हुए जमकर हमला बोला कि 'कन्कशन सब्सटीट्यूट' की अनुमति देना खुद में गलत था। " मैच के दौरान दूबे ने हेलमेट पर चोट खाने के बाद भी अंत तक बैटिंग की, तो साफ था कि वह कॉनकस नहीं थे। इसलिए 'कन्कशन सब्सटीट्यूट' की अनुमति देना गलत था। गावस्कर ने कहा कि हां, अगर वह बैटिंग करते समय मसल्स में खिंचाव महसूस करते तो एक सब्सटीट्यूट हो सकता था, लेकिन वह केवल फील्डिंग के लिए होता और वह गेंदबाजी नहीं कर सकते थे।
गावस्कर ने मजाकिया अंदाज में लिखा। "यहां तक कि अगर 'जैसे के वैसे' शब्दों को सबसे ज्यादा लचीले तरीके से भी खींचा जाए, तो दूबे और राणा के बीच कुछ भी समानता नहीं थी। मजाक में कहा जा सकता है कि वे दोनों एक ही ऊंचाई के हैं और फील्डिंग का स्तर भी समान है।
क्या होता है कन्कशन सब्सटीट्यूट रूल?
आईसीसी के कन्कशन रूल है कि यदि कोई खिलाड़ी चोटिल होता है तो उसकी जगह कोई अन्य खिलाड़ी रिप्लेस किया जा सकता है। लेकिन उसके भी कुछ नियम होते है जिन्हें फॉलो करना अनिवार्य होता है। आईसीसी के कन्कशन सब्सटीट्यूट नियम के मुताबिक, यदि किसी खिलाड़ी को रिप्लेस करना पड़ता है, तो मैच रेफरी तब ही उसे रिप्लेस करने की अनुमति देता है जब यह ‘लाइक फॉर लाइक’ रिप्लेसमेंट हो। इसके अलावा, यह नियम तभी लागू किया जा सकता है जब किसी खिलाड़ी को सिर या गर्दन के आसपास चोट लगी हो और रिप्लेसमेंट से पहले मेडिकल टीम द्वारा उसकी जांच की गई हो। इसके बाद ही टीम मैनेजमेंट को रिप्लेसमेंट के लिए मैच रेफरी से मंजूरी मिलती है।