Nitish kumar Reddy Story: मेलबर्न में पहला टेस्ट...60 हजार से अधिक दर्शकों की मौजूदगी और पहला शतक, किसी बैटर के लिए इससे बड़ी खुशी कुछ नहीं हो सकती और नीतीश कुमार रेड्डी से भला बेहतर कौन इस एहसास को समझ सकता है। नीतीश ने मेलबर्न टेस्ट के तीसरे दिन 171 गेंद में अपना पहला इंटरनेशनल शतक पूरा किया। उन्होंने स्कॉट बोलैंड की गेंद पर चौका मार अपनी सेंचुरी पूरी की। बेटे के इस शतक के पिता भी गवाह बने। जैसे ही नीतीश का शतक पूरा हुआ, स्टेडियम में बैठे पिता की आंखों से आंसू बह निकले...वो खुशी के मारे कूदने लगे।
नीतीश के लिए शतक पूरा करना आसान नहीं था। एक छोर से भारत के विकेट गिर रहे थे। बुमराह के आउट होने होने के बाद ऐसा लग रहा था कि शायद नीतीश के अरमान पूरे नहीं हो पाएंगे। लेकिन, मोहम्मद सिराज ने नीतीश के सपने को पूरा करने में जी-जान लगा दी।
Nitish Kumar Reddy hits his maiden Test century and receives a standing ovation from the MCG crowd ❤️ #AUSvIND | #PlayOfTheDay | @nrmainsurance pic.twitter.com/Vbqq5C26gz
— cricket.com.au (@cricketcomau) December 28, 2024
नीतीश को शतक के लिए संघर्ष करते देख पिता की सांसें ऊपर-नीचे हो रहीं थीं। हर सांस के साथ शायद ईश्वर से प्रार्थना में हाथ उठ रहे थे और आखिरकार भगवान ने पिता की प्रार्थना सुन ली और नीतीश ने मेलबर्न में शतक ठोक 77 साल के इतिहास को बदल दिया।
फायर नहीं वाइल्डफायर है! 🔥🔥
— BCCI (@BCCI) December 28, 2024
Nitish Kumar Reddy gets to his maiden CENTURY and what a stage to get it on!
He is now the leading run scorer for India in the ongoing BGT 🙌👏#TeamIndia #AUSvIND https://t.co/URu6dBsWmg pic.twitter.com/J8D08SOceT
इस दिन को कभी भूल नहीं सकता: नीतीश के पिता
शतक के बाद स्टार स्पोर्ट्स के लिए एडम गिलक्रिस्ट ने नीतीश के पिता से बात की। सीनियर रेड्डी अपने बेटे के प्रदर्शन से बेहद खुश थे और उन्होंने कमिंस के ओवर में अपना विकेट बचा लेने के लिए मोहम्मद सिराज को धन्यवाद दिया। नीतीश के पिता ने कहा, 'हमारे परिवार के लिए यह एक खास दिन है और हम इस दिन को अपने जीवन में कभी नहीं भूल सकते। वह 14-15 की उम्र से ही अच्छा प्रदर्शन कर रहा है और अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में, यह एक बहुत ही खास एहसास है। (जब नीतीश 99 रन पर थे और उनका एक विकेट बचा था, तो उनकी भावनाएं क्या थीं) मैं बहुत तनाव में था। केवल आखिरी विकेट बचा था। शुक्र है कि सिराज बच गया।'
- Sacrificed his job.
— Mufaddal Vohra (@mufaddal_vohra) December 28, 2024
- Retired 25 years early.
- Gave his full attention to Nitish Kumar Reddy.
- Took him to training and gave all the facilities he could despite financial conditions.
THIS IS HOW A PROUD FATHER LOOKS LIKE WHEN HIS DREAMS TURNS INTO A REALITY...!!! 🙇♂️🇮🇳 pic.twitter.com/uc5hnjAtC3
यह भी पढ़ें: नीतीश रेड्डी ने डेब्यू टेस्ट सीरीज में रचा इतिहास, ऑस्ट्रेलिया में ऐसा करने वाले पहले भारतीय बैटर बने
पिता ने नीतीश के लिए बड़ी कुर्बानी दी
नीतीश कुमार रेड्डी का टीम इंडिया तक पहुंचना आसान नहीं रहा। नीतीश के पिता हिंदुस्तान जिंक में नौकरी करते थे। एक बार तबादले की वजह से उन्होंने बेटे के क्रिकेट करियर के खातिर 25 साल पहले ही अपनी नौकरी छोड़ दी थी। इसके बाद उनके जीवन का एक ही लक्ष्य था कि किसी भी कीमत पर नीतीश को क्रिकेटर बनाना। मां ने घर चलाने और पिता ने नीतीश को क्रिकेटर बनाने की जिम्मेदारी। पिता की इस कुर्बानी का ही नतीजा रहा कि नीतीश 21 साल की उम्र में ही भारत के लिए खेल रहे हैं। नीतीश ने भी एक इंटरव्यू में कहा था कि पिता ही पहले शख्स थे, जिन्होंने उन पर यकीन किया था कि वो अच्छे क्रिकेटर बन सकते हैं।
An emotional interview of Nitish Kumar Reddy's family. 🥹❤️pic.twitter.com/MgivG6mlkH
— Mufaddal Vohra (@mufaddal_vohra) December 28, 2024
नीतीश कुमार रेड्डी के पिता मुत्याला ने भी बेटे को लेकर एक इंटरव्य़ू में खुलासा किया था। उन्होंने कहा था कि नेशनल क्रिकेट अकादमी में ऑलराउंडर हार्दिक के साथ मुलाकात नीतीश के करियर के लिए टर्निंग पॉइंट साबित हुआ। मुत्याला ने कहा था, 'एनसीए में बिताए अपने अंडर-19 दिनों के दौरान, उन्हें हार्दिक पंड्या से बात करने का मौका मिला और उसने नीतीश को ऑलराउंडर बनने के लिए प्रेरित किया।
यही कारण था कि नीतीश कुमार रेड्डी का शतक बनने के बाद पिता अपने आंसू नहीं रोक पाए और इस शतक ने पिता के संघर्ष, मां के समर्पण को सफल कर दिया।