ranji trophy final: विदर्भ पिछले सीजन के फाइनल में मुंबई के हाथों मिली हार को भुलाकर इस बार रणजी ट्रॉफी चैंपियन बन गया। नागपुर में खेले गए फाइनल में विदर्भ की टक्कर केरल से थी। मुकाबला ड्रॉ रहा लेकिन पहली पारी में लीड के आधार पर विदर्भ विजेता बना। विदर्भ ने 2018-19 सीजन के बाद पहली बार रणजी ट्रॉफी जीती है। तब इस टीम ने बैक टू बैक खिताब जीता था। पिछले साल विदर्भ को फाइनल में मुंबई ने हराया था। इस सीजन में विदर्भ ने बिना मैच गंवाए खिताब पर कब्जा जमाया। 

विदर्भ की जीत के हीरो करुण नायर रहे। उन्होंने पहली पारी में 86 और दूसरी पारी में 135 रन बनाए थे। उनके अलावा दानिश मलेवार ने भी पहली पारी में 153 रन बनाए थे। मैच की अगर बात करें तो विदर्भ ने पहली पारी में 379 रन बनाए थे। इसके जवाब में केरल की टीम कप्तान सचिन बेबी (98) और आदित्य सरवटे (79) की पारियों के दम पर 342 रन पर ऑल आउट हो गई थी। इस तरह विदर्भ ने पहली पारी में 37 रन की लीड ली थी। 

केरल पहली बार रणजी ट्रॉफी फाइनल में पहुंचा था। इस सीजन में पूर्व भारतीय क्रिकेटर अमय खुरासिया केरल के कोच थे। उन्होंने टीम को पहली बार फाइनल में पहुंचाने में अहम रोल निभाया था। फाइनल ड्रॉ होने के बाद उन्होंने नागपुर के जामथा स्टेडियम की पिच की मिट्टी हाथों में भर ली। इसकी तस्वीरें वायरल हो रहीं। 

इसके बाद दूसरी पारी में 143.5 ओवर में 9 विकेट पर 375 रन बनाए। रविवार को मैच का आखिरी दिन था और विदर्भ का 9वां विकेट नचिकेत भूते के रूप में गिरा। उन्हें सरवटे ने 134वें ओवर में एलबीडब्लू किया। इसके 9.5 ओवर बाद दोनों टीमों ने मैच को खत्म करने का फैसला लिया और मुकाबला ड्रॉ हो गया। हालांकि, पहली पारी में लीड के आधार पर विदर्भ चैंपियन बन गया। 

भारत का प्रमुख रेड-बॉल टूर्नामेंट 1934-35 सीज़न में स्थापित किया गया था और शुरू में इसे भारतीय क्रिकेट चैंपियनशिप कहा जाता था, लेकिन एक साल बाद इसका नाम बदल दिया गया। बॉम्बे इस घरेलू रेड बॉल टूर्नामेंट का पहला चैंपियन बना था, तब से इस टीम ने रिकॉर्ड 42बार रणजी ट्रॉफी जीती है, उसमें से सबसे हालिया पिछले साल आया जब उन्होंने मुंबई के वानखेड़े स्टेडियम में फाइनल में विदर्भ को हराया। कर्नाटक (पूर्व में मैसूर) आठ खिताबों के साथ रणजी ट्रॉफी में दूसरी सबसे सफल टीम है।

विदर्भ ने 2017-18 में रणजी ट्रॉफी के फाइनल में अपनी पहली उपस्थिति दर्ज की। फैज फजल की अगुवाई वाली टीम ने दिल्ली को हराया और अगले सीजन में सौराष्ट्र पर खिताब का बचाव किया। 2001 से, केवल मुंबई (दो बार), राजस्थान, कर्नाटक और विदर्भ ने लगातार सालों में खिताब जीता है।