Neeraj Chopra: पेरिस ओलंपिक में नीरज चोपड़ा ने भारत को पहला सिल्वर मेडल दिलाया। उन्होंने 89.45 मीटर का थ्रो फेंका था। नीरज चोपड़ा गोल्ड मेडल जीतना चाहते थे, लेकिन उनसे पहले अरशद नदीम ने 92.97 मीटर का थ्रो फेंककर सभी को हैरान कर दिया।
नीरज चोपड़ा का मानना है कि उनके लिए 90 मीटर का थ्रो फेंकना अभी भी बड़ी चुनौती है। उन्होंने पूरी कोशिश की थी कि पेरिस में वह 90 मीटर से ऊपर का थ्रो फेंके ताकि गोल्ड मेडल भारत की झोली में आए, लेकिन ऐसा नहीं हो सका।
भगवान पर छोड़ा अपना लक्ष्य
नीरज चोपड़ा का कहना है कि अब मैं अपने सपने और लक्ष्य को भगवान पर छोड़ता हूं। मैंने पूरी कोशिश की है। अब मैं देखना हूं कि मेरी मेहनत और तैयारी का क्या परिणाम निकलता है। 90 मीटर को लेकर पहले ही काफी बातें हो चुकी हैं, अब मैं इसे भगवान पर छोड़ता हूं। पेरिस में मुझे लगा कि यह हो सकता है।
कमर की चोट बनी रोड़ा
नीरज चोपड़ा का मानना है कि चोट के चलते मैं पेरिस ओलंपिक में अपना 100 प्रतिशत नहीं दे पाया। लंबी दूर पार करने के लिए मुझे अपनी चोट से पूरी तरह उबरना पड़ेगा। नीरज ने कहा कि 13-14 सितंबर को ब्रसेल्स में डायमंड लीग के बाद नीरज कमर की चोट के लिए डॉक्टरी सलाह लेंगे। संभव हुआ तो सर्जरी भी करवाएंगे।