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Sachin Tendulkar Deepfake Video: सचिन तेंदुलकर भी डीपफेक वीडियो के चक्कर में फंस गए हैं। सोशल मीडिया में उनका एक वीडियो वायरल हो रहा, जिसमें वो एक गेमिंग ऐप का प्रमोोशन करते दिख रहे।

Sachin Tendulkar Deepfake Video : टीम इंडिया के पूर्व कप्तान सचिन तेंदुलकर भी डीपफेक का शिकार हुए हैं। तेंदुलकर का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा, जिसमें वो 'स्कायवर्ड एविएटर' गेमिंग ऐप का प्रमोशन करते नजर आ रहे हैं।

खुद मास्टर ब्लास्टर ने अपने इस फेक वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर करके लिखा है कि ये नकली है और आप लोगों को धोखा देने के लिए ये बनाया गया है। उन्होंने कहा कि तकनीक का इस तरह का इस्तेमाल गलत है। उन्होंने अपने इस वीडियो के साथ केंद्र सरकार, आईटी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर और साइबर पुलिस को टैग किया है। 

सचिन तेंदुलकर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, "ये वीडियो फर्जी हैं। तकनीक का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग देखना परेशान करने वाला है। सभी से गुजारिश है कि वे बड़ी संख्या में इस तरह के वीडियो, विज्ञापन और ऐप की जानकारी सरकार को दें।"

सचिन भी हुए डीपफेक का शिकार
सचिन डीपफेक वीडियो में ये कहते नजर आते हैं कि उनकी बेटी सारा इस गेमिंग ऐप के जरिए रोज पैसे कमा रही हैं। वो लोगों को बताते हैं कि मुझे हैरानी होती है कि अब अच्छा पैसा कमाना कितना आसान हो गया है। 

रश्मिका मंदाना का वीडियो भी वायरल हो चुका है
ये कोई पहला मौका नहीं है, जब इसी स्टार का कोई डीपफेक वीडियो सामने आया है, पिछले साल ही एक्ट्रेस रश्मिका मंदाना का एक डीपफेक वीडियो वायरल हुआ था, जिसमें एक सोशल मीडिया इंफ्लूएंसर के चेहरे पर रश्मिका के चेहरे को मोर्फ किया गया था। इस वीडियो को लोगों ने असली समझ लिया था। इसके बाद रश्मिका ने साइबर पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज कराई थी। 

डीपफेक होता क्या है?
डीपफेक शब्द पहली बार 2017 में इस्तेमाल में आया था। तब अमेरिका में रेडिट नाम के एग्रीगेटर ऐप पर फर्जी आईडी से सेलिब्रिटीज के वीडियो पोस्ट किए गए थे। किसी ओरिजनल वीडियो, फोटो, ऑडियो में दूसरे इंसान के चेहरे, आवाज और हाव-भाव को फिट कर देने को डीपफेक नाम दिया गया है। ऐसा करने के लिए आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग का इस्तेमाल होता है। 

डीपफेक को कैसे पहचानें?

  • वीडियो या तस्वीर में चेहरे पर ध्यान दें। डीपफेक में चेहरे के हाव-भाव और मूवमेंट बदलते रहते हैं। 
  • शरीर की बनावट, मूवमेंट के कारण डीपफेक अप्राकृतिक लग सकते हैं।
  • जांचे कि क्या वीडियो व्यक्ति के सामान्य व्यवहार पर फिट बैठता है।
  • विश्वसनीयता के लिए सोर्स को सत्यापित करें
  • वीडियो में धुंधलेपन और कांट-छांट जैसी चीजों को पकड़ने की कोशिश करें
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