Bihar Engineers Suspension: बिहार में हो रही भारी बारिश के कारण पुलों के ध्वस्त (Bihar Bridge Collapse) होने की घटनाओं के बाद सरकार ने सख्त कदम उठाते हुए 15 इंजीनियर्स को सस्पेंड कर दिया है। इनमें जल संसाधन विभाग के 11 और ग्रामीण कार्य विभाग के 4 इंजीनियर्स शामिल हैं। इसके अलावा दो अन्य इंजीनियर्स से स्पष्टीकरण भी मांगा गया है। यह कार्रवाई पुलों के बार-बार गिरने के चलते हुई है। बता दें कि बिहार में बीते 17 दिनों में 11 पुल गिरे हैं।
पुलों के गिरने की घटनाएं
ग्रामीण विकास विभाग के आयुक्त चैतन्य प्रसाद ने बताया कि हाल ही में 9 पुल और पुलिया ध्वस्त हुए (Bridge Collapse in Bihar) हैं, जिनमें 6 पुराने और 3 निर्माणाधीन थे। जल संसाधन विभाग ने साल 2023 में समाधान यात्रा के दौरान नदी उड़ाही की मांग की थी। इन पुलों के ध्वस्त होने से न केवल यातायात बाधित हुआ बल्कि जनता की सुरक्षा पर भी गंभीर सवाल उठे हैं।
गंडक नदी का पुल गिरने की क्या रही वजह
मार्च 2025 तक गंडक नदी की उड़ाही (गाद साफ करना) का काम पूरा किया जाना था। उड़ाही के दौरान पुल के पास से मिट्टी हटा दी गई, जिससे पुल गिर गया (Gandak River Bridge Collapse)। 24 घंटे के भीतर रिपोर्ट मांगी गई थी, जिसे उड़ान दस्ते ने सौंप दिया है। इंजीनियर्स की निगरानी में हुई इस चूक के कारण पुल ध्वस्त हो गया। मातेश्वरी कंस्ट्रक्शन कंपनी को अब ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है और आगे की कार्रवाई की जाएगी।
बकरा नदी पर बना पुल गिरा
ग्रामीण कार्य विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक सिंह ने बताया कि अररिया जिले में 18 जून को बकरा नदी पर निर्माणाधीन पुल पिलर धंसने के कारण गिर गया (Bakra River Bridge Collapse)। यह पुल 7 करोड़ रुपए की लागत से बनाया गया था, जिसमें से 6.50 करोड़ रुपए का भुगतान हो चुका था। प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत बनाए गए इस पुल की टीम बनाकर जांच की जा रही है।
ठेकेदारों पर सख्त कार्रवाई
दीपक सिंह ने बताया कि विभाग ने 6 इंजीनियर्स पर कार्रवाई की है, जिनमें से 4 सस्पेंड (Contractor Suspension Bihar) किए गए हैं और 2 पहले से ही सस्पेंड हैं। ठेकेदार को आगे काम नहीं दिया जाएगा और उसके भुगतान पर रोक लगा दी गई है। डीपीआर बनाने वाली कंसलटेंट को भी ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है।
भूतही नदी पर पुल गिरने की घटना (Bhutahi River Bridge Collapse)
मधुबनी जिले में 26 जून को भूतही नदी पर पुल का गार्डर गिर गया था। असिस्टेंट इंजीनियर ने ठेकेदार को ढलाई करने से रोका था, फिर भी ठेकेदार ने काम किया। यह पुल 3.21 करोड़ रुपए की लागत से बन रहा था, जिसमें से 1.61 करोड़ रुपए का भुगतान हो चुका था। इंजीनियर और ठेकेदार को शो-कॉज नोटिस जारी किया गया है।
सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर
बिहार में पुलों के लगातार गिरने की घटनाओं पर सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई है। याचिका में पिछले दो सालों में 12 पुलों के गिरने का हवाला देते हुए स्ट्रक्चरल ऑडिट की मांग की गई है। याचिका में कहा गया है कि पुलों के निर्माण में गुणवत्ता की कमी और निरीक्षण की लापरवाही के कारण ये हादसे हो रहे हैं।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार का सख्त निर्देश
बिहार में लगातार पुलों के गिरने पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बुधवार को एक महत्वपूर्ण बैठक की। उन्होंने पुराने पुलों का निरीक्षण और मेंटेनेंस पॉलिसी बनाने के निर्देश दिए। पथ निर्माण विभाग और ग्रामीण कार्य विभाग को मानक संचालन प्रक्रिया (SOP) तैयार करने और पुलों का नियमित निरीक्षण सुनिश्चित करने को कहा। मुख्यमंत्री ने यह भी सुनिश्चित किया कि पुलों के रखरखाव में किसी भी प्रकार की शिथिलता न हो और जिम्मेदार लोगों पर कड़ी कार्रवाई की जाए।