BPSC 70th Re Exam Hearing: बीपीएससी परीक्षा रद्द करने की मांग कर रहे छात्रों की उम्मीदों को करारा झटका लगा है। पटना हाई कोर्ट में मंगलवार(4 फरवरी) को बीपीएससी 70वीं परीक्षा के री-एग्जाम को लेकर दायर याचिका पर सुनवाई नहीं हो पाई। जज की गैरमौजूदगी की वजह से सुनवाई टाल दी गई।पिछली सुनवाई में हाई कोर्ट ने कहा था कि अगर परीक्षा के नतीजे घोषित हो जाते हैं, तो इस याचिका के फैसले से उस पर असर पड़ सकता है। राज्य सरकार और बिहार लोक सेवा आयोग (BPSC) ने काउंटर एफिडेविट दाखिल किया था, जिस पर मंगलवार को सुनवाई होनी थी।  

क्यों उठी परीक्षा रद्द करने की मांग?  
बीपीएससी 70वीं परीक्षा को लेकर छात्रों ने कथित गड़बड़ियों और अनियमितताओं के आरोप लगाए हैं। इसको लेकर उन्होंने परीक्षा रद्द करने और दोबारा आयोजित कराने की मांग की है। छात्रों ने पटना हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी, जिस पर कोर्ट ने राज्य सरकार और बीपीएससी को 30 जनवरी तक जवाब देने का निर्देश दिया था। हालांकि, कोर्ट ने परीक्षा परिणाम पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। इसी के चलते 23 जनवरी को प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट घोषित कर दिया गया था, लेकिन विवाद अभी भी जारी है।  

क्या कह रहा है बिहार लोक सेवा आयोग?  
बीपीएससी परीक्षा विवाद के बीच आयोग मुख्य परीक्षा की तैयारियों में जुटा हुआ है। 23 जनवरी को प्रारंभिक परीक्षा का रिजल्ट घोषित करने के बाद आयोग मेन्स एग्जाम का शेड्यूल जारी करने की तैयारी में हैं। वहीं, दूसरी ओर छात्र परीक्षा रद्द करने की मांग को लेकर लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इससे परीक्षा की प्रक्रिया पर सवाल खड़े हो गए हैं। प्रदर्शनकारियों का कहना है कि जब तक अनियमितताओं की जांच पूरी नहीं होती, तब तक परीक्षा आगे नहीं बढ़नी चाहिए।  

छात्रों का विरोध प्रदर्शन जारी  
बीपीएससी 70वीं परीक्षा के री-एग्जाम की मांग को लेकर छात्रों का विरोध लगातार तेज हो रहा है। 30 जनवरी को पटना में प्रदर्शनकारियों ने करीब 8 घंटे तक उग्र प्रदर्शन किया था। इस दौरान पुलिस और छात्रों के बीच झड़प भी हुई थी। बता दें कि  इससे पहले 31 जनवरी को भी इस मामले में सुनवाई टल गई थी क्योंकि जस्टिस अरविंद सिंह चंदेल छुट्टी पर थे। छात्रों का कहना है कि हमारी आवाज दबाने की कोशिश हो रही है, लेकिन हम पीछे नहीं हटेंगे। छात्र लगातार पटना के गांधी मैदान में धरना दे रहे हैं। छात्रों ने बीते हफ्ते बिहार लोक सेवा आयोग के दफ्तर का घेराव करने भी कोशिश की थी,लेकिन पुलिस ने छात्रों को खदेड़ दिया था।

हाई कोर्ट ने पहले ही मांगा था जवाब  
पटना हाई कोर्ट ने 16 जनवरी को बिहार बीपीएससी की 70वीं परीक्षा को रद्द करने से जुड़ी याचिका पर सुनवाई की थी। सुनवाई के दौरान बीपीएससी को 30 जनवरी से पहले एफिडेविट दाखिल करने का निर्देश दिया था। प्रशांत किशोर की पार्टी जनसुराज समेत कई दूसरे संगठनों ने परीक्षा को रद्द कराने और प्रदर्शनकारी अभ्यर्थियों के खिलाफ दर्ज एफआईआर को वापस लेने की मांग की है हाई कोर्ट की अगली सुनवाई कब होगी, इस पर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं है।  

सुप्रीम कोर्ट ने क्यों ठुकराई याचिका?  
इस मामले को लेकर पहले सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की गई थी। बिहार की आनंद लीगल एंड फोरम ट्रस्ट ने परीक्षा रद्द करने की मांग की थी। लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने इस याचिका को खारिज कर दिया। मुख्य न्यायाधीश (CJI) संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने कहा कि याचिकाकर्ता को संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत पटना हाई कोर्ट जाना चाहिए। अब छात्रों की उम्मीदें हाई कोर्ट के फैसले पर टिकी हैं।