रायपुर। मिशन 2024 को ध्यान में रखते हुए भारत जोड़ो यात्रा के बाद कांग्रेस ने सोमवार को राहुल गांधी के नेतृत्व में "न्याय यात्रा" की शुरुआत की है। यात्रा की शुरुआत मणिपुर से हुई है। चुनावी साल में खर्च जुटाना एक बड़ा काम है, कांग्रेस पार्टी ने इसके लिए के लिए "डोनेट फॉर नेशन" कैंपेन की शुरुआत की है। जिसकी जिम्मेदारी बाकायदा पार्टी द्वारा कार्यकर्ताओं को दी गई है लेकिन यह काम और मुश्किल होता हुआ दिखाई दे रहा है। तीन राज्यों में मिली करारी हार के बाद छत्तीसगढ़ जैसे राज्य में पार्टी की वित्तीय स्थिति और भी चिंताजनक हो गई है। सामने लोकसभा चुनाव है और ऐसे में पार्टी चंदा जुटाने के लिए कैंपेन चला रही है। लेकिन छत्तीसगढ़ में ये कैंपेन पटरी से उतरता हुआ दिखाई दे रहा है।
"डोनेट फॉर नेशन" कैंपेन के तहत पार्टी अपनी वित्तीय स्थिति जनता के सामने रख दी है। पार्टी का उद्देश्य था कि, इसके तहत जनता उन्हें फंड देगी साथ ही पार्टी की जमीनी धरातल की हकीकत की जानकारी भी आसानी से मिल सकेगी। तीन राज्यों में हुए चुनाव में और छत्तीसगढ़ में मिली करारी हार के बाद राज्य में यह योजना फेल होती दिखाई दे रही है। छत्तीसगढ़ कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता और पदाधिकारी राष्ट्रीय कैंपेन से कोसों दूर दिखाई दे रहे हैं। "डोनेट फॉर देश" कैंपेन में छत्तीसगढ़ का परफॉर्मेंस खराब है। विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद अब कांग्रेस पार्टी एक-एक रुपए बचाकर चल रही है।
छत्तीसगढ़ में अनुमान की अपेक्षा 2.8% राशि ही एकत्र हुई
छत्तीसगढ़ की बात करें तो कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने "डोनेट फॉर देश" कैंपेन से दूरी बनाते हुए दिखाई दे रहे हैं। 2023 विधानसभा चुनाव से पहले हुए सदस्यता अभियान के तहत प्रदेश में कांग्रेस के 19 लाख सदस्य हैं। पार्टी ने कांग्रेस के पदाधिकारी को कम से कम 1380 रुपए फंड करने को कहा था वहीं विधायकों से 1 लाख 38 हजार की राशि देने को कहा गया था। लेकिन 13 फरवरी तक कांग्रेस के खाते में महज 37 लाख के आसपास की राशि ही इकट्ठा हो पाई है। जो कि, अनुमान का महज 2.8% ही है। फंड को लेकर कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने कहा कि, सब व्यवस्थित चल रहा है और किसी भी प्रकार की समस्या नहीं है।
फंडिंग के मामले देश में 12 वें पायदान पर कांग्रेस
मिली जानकारी के अनुसार, छत्तीसगढ़ कांग्रेस फंड अर्जित करने के मामले में देश के 12वें पायदान पर खड़ी है। जबकि डोनेट करने में राजस्थान पहले नंबर पर, उत्तर प्रदेश दूसरे नंबर पर, महाराष्ट्र तीसरे नंबर पर और चौथे नंबर पर पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश है। इसकी पीछे वजह बताई जा रही है कि, वर्ष 2023 के विधानसभा चुनाव पार्टी की करारी हार है। हार के बाद पार्टी का अकाउंट खाली हो गया है। ऐसे में पार्टी अब वित्तीय स्थिति को लेकर जनता की ओर उम्मीद लगाए खड़ी है।
स्थापना दिवस पर "डोनेट फॉर देश" कैंपेन की थी शुरुआत
आपको बता दें कि, चुनाव में राजनीतिक पार्टियां चुनावी प्रचार के लिए क्राउड फंडिंग करती हैं। चुनाव प्रचार में कई तरह के खर्च आते हैं, खर्चों के लिए फंड की आवश्यकता पड़ती है। जिसे क्राउड फंडिंग कहा जाता है। आगामी समय में लोकसभा का चुनाव है,इसे देखते हुऐ कांग्रेस ने अपने 138 वें स्थापना दिवस के अवसर पर "डोनेट फॉर नेशन" नाम से क्राउड फंडिंग अभियान की शुरुआत की है। इस अभियान में 18 साल से ऊपर के लोग 138 रुपये, 1,380 रुपये, 13,800 रुपये और 1,38,000 रूपये चंदे रुप में दे सकते हैं। "डोनेट फॉर नेशन" कैंपेन की शुरुआत 18 दिसंबर को कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने 1 लाख 38 हजार रुपए डोनेट कर की थी।
फंड का पैसा कांग्रेस की बजाय भाजपा के खाते में जा रहा था
कांग्रेस ने क्राउड फंडिंग कैंपेन तो शुरू कर दिया, लेकिन डोमेन को रजिस्टर कराना भूल गई। जब कांग्रेस ने कैंपेन लॉन्च किया तब "डोनेट फॉर देश" डोमेन भाजपा के नाम पर रजिस्टर्ड था। चंदा देने के लिए कोई भी पेज क्लिक करता तो भाजपा के डोनेशन पेज पर पहुंच जाता था। हालांकि जब कांग्रेस के बड़े नेताओं को जब इसकी जानकारी मिली तो उन्होंने तत्काल डोमेन बदलाव किया। अब कांग्रेस के आभियान के लिए donateinc.in डोमेन का उपयोग किया जा रहा है। इसके अलावा ऑफलाइन मोड पर भी फंड लिया जा रहा है।