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बिलासपुर जिले के उत्तम राव माथनकर दिव्यांग हैं, वो शासकीय ब्रेल प्रेस में कार्यरत हैं और दृष्टिबाधित सांख्यिकी अधिकारी भी है। श्री माथनकर को अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने का निमंत्रण मिला है।

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ के बिलासपुर जिले के दिव्यांग उत्तम राव माथनकर अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह शामिल होंगे। देश भर के 75 दिव्यांगों को जगदगुरु रामभद्राचार्य ने न्योता भेजा है। निमंत्रण मिलने के बाद उन्होंने कहा कि, श्रीराम की कृपा है कि मुझे अयोध्या जाने का मौका मिला है।

उत्तमराव शासकीय ब्रेल प्रेस में कार्यरत हैं और दृष्टिबाधित सांख्यिकी अधिकारी हैं। उनकी टीम ने रामचरित मानस सहित कई धार्मिक ग्रंथों को ब्रेल लिपि में तैयार किया है। उत्तम राव ने आगे कहा कि, मैंने सपने में भी यह नहीं सोचा था कि, रामलला के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के लिए मुझ जैसे लोगों को आमंत्रण मिलेगा। मेरी बड़ी इच्छा थी कि, मैं अपने परिवार के साथ अयोध्या जाकर श्रीराम का दर्शन करूं लेकिन, अब तक मुझे यह मौका नहीं मिल पाया था।

कई धार्मिक किताबों को लिखा है 
उत्तम राव माथनकर बताते हैं कि, वे ब्रेल प्रेस से जुड़े हुए हैं यहीं पले-बढ़े और पढ़ाई भी की। फिर 1998 में उन्हें यहीं सर्विस करने का मौका मिला। इस दौरान उन्होंने ब्रेल प्रेस में अपनी टीम के साथ ब्रेल लिपि में रामचरित मानस सहित गीता, भागवत, चालीसा, आरती संग्रह, उपन्यास और कहानियां को तैयार किया है। जो आज भी मार्केट में उपलब्ध है।

आसानी से ले सकते हैं रामचरित मानस और धार्मिक किताबें
उत्तम राव ने आगे कहा कि, तिफरा स्थित प्रदेश का एकमात्र बेल प्रिंटिंग प्रेस है। यहां पाठ्यपुस्तकों के साथ धार्मिक किताबें भी तैयार की जा रही है। 22 जनवरी से पहले यहां रामचरित मानस की डिमांड बढ़ी है। अब किसी भी दृष्टिबाधित को किताबों के लिए भटकने की जरूरत नहीं है। वह एक फोन, ई-मेल या बेल एक के जरिए भी रामचरित मानस सहित धार्मिक किताबें ले सकते हैं। उन्होंने आगे कहा कि, मेरी लाइब्रेरी में एक हजार किताबों का एक बड़ा संग्रह है।

1008 कुंडीय महायज्ञ का आयोजन
अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा समारोह के उत्साह में और जगद्गुरू स्वामी रामभद्राचार्य के 75वें जन्मोत्सव पर 1008 कुंडीय महायज्ञ का आयोजन भी किया जा रहा है। आयोजन का मुख्य उद्देश्य पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) को भारत में शामिल कराने का आह्वान करना है। आठ दिन तक आयोजित 1008 कुंडीय महायज्ञ कर हनुमानजी का आह्वान किया जाएगा और यज्ञ में हनुमानजी को सवा करोड़ आहुतियां दी जाएंगी।

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