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ख़राब सड़क को लेकर अधिकारियों के दफ्तरों के चक्कर लगाते हुए ग्रामीण इस कदर परेशान हुए कि, उन्होंने खुद ही सड़क निर्माण करना शुरू कर दिया है। साथ चेतावनी जारी करते हुए आंदोलन की भी चेतावनी दी है।

नौशाद अहमद-सूरजपुर। छत्तीसगढ़ के सूरजपुर जिले के प्रेम नगर विधानसभा के कैलाशपुर गांव के ग्रामीणों ने खराब सड़क से परेशान हो गए हैं. प्रशासनिक ढ़िलाई से तंग आकर उन्होंने खुद से ही सड़क बनाना शुरू कर दिया है। ग्रामीणों का कहना है कि, रास्ते में चलना मुश्किल हो गया है। बच्चे वेन से स्कूल जाते हैं, ऐसे में हमनें खुद ही रोड को बनाने का काम शुरू कर दिया है। 

कैलाशपुर गांव के लोगों में ख़राब सड़क को लेकर काफी आक्रोश है। उनका कहना है कि, लंबे समय से यहां के ग्रामीण और बच्चे खराब सड़क पर चलने को मजबूर हैं। ख़राब सड़क की वजह से इस सड़क में कई बार दुर्घटना भी हो चुकी है। लंबे से चली आ रही मांग के बाद कांग्रेस के पूर्व विधायक खेल साय सिंह के प्रयास से इस सड़क की स्वीकृति मिल गई थी। चुनाव से पहले बाकायदा इस सड़क का भूमि पूजन भी हो गया था किंतु आचार संहिता लगने के कारण काम में रोक लगा दिया गया। 

महिलाओं और बच्चों ने लिया काम में भाग 

ग्रामीणों ने आगे कहा कि, काम बंद करने के पहले अधिकारियों द्वारा हमसे कहा गया कि, आचार संहिता समाप्त होने के बाद काम शुरू कर दिया जाएगा। लेकिन नई सरकार बने एक महीना से उपर का समय हो गया है लेकिन अभी तक इस सड़क का काम शुरू नहीं किया गया है। काम ना शुरू होने से नाराज ग्रामीणों ने खुद से ही सड़क में गड्ढे को भरने का काम शुरू कर दिया है। 

स्कूली बच्चों और ग्रामीणों को खतरा 

हमारे द्वारा शुरू किये गए इस काम में बाकायदा गांव की महिलाएं भी शामिल हुई हैं। इससे कुछ दिन पूर्व स्कूली बच्चों ने ख़राब सड़क से परेशान होकर श्रम दान किया था। गांव के ग्रमीणों का कहना है कि, इस रास्ते में चलना बहुत मुश्किल हो गया है। बच्चे स्कूल वेन से जाते हैं ऐसे में दुर्घटना होने की संभावना बढ़ जाती है। साथ ही हम लोग भी जब बाइक से गुजरते हैं तो गिरने का डर हमेशा बना रहता है। जब इसकी स्वीकृति मिल गई है तो फिर सड़क का काम क्यों शुरू नहीं किया जा रहा है।

आंदोलन करने की दी चेतावनी 

सड़क पर काम कर रहे नाराज ग्रामीणों ने चेतावनी देते हुए कहा कि, अभी हमने तो श्रमदान करके गड्ढे भर दिए हैं। यदि एक महीनें के अंदर काम नहीं शुरू किया गया तो हम लोग उग्र आंदोलन करेंगे। जिसकी सारी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी।
 

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