रायपुर। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु अपने दो दिवसीय प्रवास पर छत्तीसगढ़ में थीं। अपने प्रवास के दूसरे दिन राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु नवा रायपुर स्थित मुख्यमंत्री निवास में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा आयोजित दोपहर के भोज में शामिल हुईं थी। इस दौरान राष्ट्रपति मुर्मु की मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय और उनके परिवारजनों,अधिकारियों-कर्मचारियों के साथ ग्रुप फोटो हुई। इस ग्रुप फोटो की खास बात यह थी कि, इसके बैकड्रॉप में जशपुर का खूबसूरत मधेश्वर पहाड़ प्रदर्शित था।
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क्यों खास है मधेश्वर पहाड़
उल्लेखनीय है कि, मधेश्वर पहाड़ जशपुर जिले के कुनकुरी ब्लॉक में स्थित है जो कि विश्व के सबसे बड़े शिवलिंग के रूप में पूजा जाता है। छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य जशपुर जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर मयाली ग्राम में स्थित मधेश्वर पहाड़ की आकृति शिवलिंग जैसी है। ग्रामीण इसकी पूजा करते हैं और इसे विश्व के सबसे बड़े शिवलिंग होने का गौरव प्राप्त है। यहाँ सैलानी दूर-दूर से आते है। प्रकृति से अपने आप को जोड़ते हैं। मधेश्वर पहाड़ पर पर्वतारोहण भी किया जाता है। जशपुर जिले में एडवेंचर स्पोर्टस और पर्यटन के विकास की अपार संभावनाएं मौजूद है।
मयाली नेचर कैम्प पर्यटन स्थल बनेगा
बताया जा रहा है कि, मयाली नेचर कैम्प में सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण की बैठक मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित की गई थी। जिसमें मंत्रीगणों के साथ सरगुजा प्राधिकरण के सदस्यगण भी शामिल हुए थे। मयाली नेचर कैम्प को पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया जा रहा। प्रकृति की गोद में बसा जशपुर अपनी मनमोहक छटा के कारण लोगों को सहज ही अपनी और आकर्षित कर रहा है।