रायपुर। आदिवासी क्रांतिकारी बिरसा मुंडा की जयंती 15 नवंबर को है। छत्तीसगढ़ सरकार इस दिन एक भव्य कार्यक्रम करने की तैयारी में जोरशोर से जुटी है। खास बात ये है कि इस आयोजन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी शामिल होंगे। उच्च पदस्थ सूत्रों के अनुसार इस आयोजन के लिए अलग-अलग स्तर पर तैयारियों के निर्देश दिए गए हैं, ताकि आयोजन को भव्य रूप दिया जा सके।
उल्लेखनीय है कि, पिछले दिनों मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से दिल्ली में मुलाकात की थी। माना जा रहा है कि इसी दौरान श्री साय ने प्रधानमंत्री मार्गदर्शन पर जिला प्रशासन की तत्परता की सराहना करते हुए परिजनों ने आभार व्यक्त किया है। मुख्यमंत्री साय की इस पहल से साबित होता है कि वे हर नागरिक के दुख-दर्द में सहभागी बन रहे हैं और आवश्यक सहायता उपलब्ध कराने के लिए तत्पर हैं। मंगलुरु थाना साउथ पुलिस स्टेशन, जिला दक्षिण कन्नड़ में संजय की मृत्यु के बाद उनका शव को हवाई जहाज के माध्यम से मंगलवार की शाम रांची लाया गया। इसके बाद '1099 मुक्तांजलि' शव वाहन की मदद से मृतक संजय का शव उनके गृह ग्राम बुधवार की सुबह 5 बजे सूंडरु पहुंचाया गया।
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बिरसा मुंडा को माना जाता है भगवान की तरह
15 नवंबर को क्रांतिकारी बिरसा मुंडा जयंती है। वे भारतीय इतिहास के ऐसे महानायक हैं, जिन्होंने अपने क्रांतिकारी चिंतन से 19वीं शताब्दी के उत्तरार्द्ध में भारत के झारखंड में आदिवासियों की दशा और दिशा बदलकर नवीन सामाजिक तथा राजनीतिक युग का सूत्रपात किया था। आज भी बिरसा मुंडा को बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ उड़ीसा, और पश्चिम बंगाल में भगवान की तरह पूजा जाता है तथा महान देशभक्तों में उनकी की गिनती की जाती है। बिरसा मुंडा का जन्म 15 नवंबर 1875 को झारखंड के एक आदिवासी परिवार में सुगना और करमी के घर हुआ था।