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डीवीसीएम रैंक की उम्र दराज ममता समेत 7 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है, जिसमें 8 - 8 लाख के तीन इनामी समेत कुल 32 लाख के इनामी नक्सली शामिल हैं।

गौरव श्रीवास्तव- कांकेर। नक्सलियों के खिलाफ लगातार जारी ऑपरेशन से नक्सल संगठन में खलबली मची हुई है। उत्तर बस्तर में नक्सलवाद अब अपनी अंतिम सांसे गिन रहा है। शुक्रवार को डीवीसीएम रैंक की उम्र दराज ममता समेत 7 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर दिया है, जिसमें 8 - 8 लाख के तीन इनामी समेत कुल 32 लाख के इनामी नक्सली शामिल हैं। 

ममता उर्फ शांता (60) नक्सल संगठन की शुरुआत के समय से सक्रिय रही। वह 1996 से लेकर 2024 तक 26 ऐसी वारदातों में शामिल रही, जिसमें कई जवानों की शहादत हुई थी। इसके अलावा आयतु राम पोटाई, मिल्ट्री कंपनी नंबर 5 का सदस्य है वह 2019 में बीएसएफ जवानों को एंबुश में फसाने जैसी बड़ी घटनाओं में शामिल रहा।  

कई बड़े वारदातों में शामिल थे ये नक्सली 

वहीं एक अन्य दिनेश मट्ठामी कंपनी नंबर 10 का सदस्य है। वह 2018 , 2019 में बीएसएफ जवानों को एंबुश में फंसाने जैसी बड़ी घटनाओं में शामिल था, जिसमें 6 जवान शहीद हुए थे। इसके अलावा जमुना उर्फ नीरा जिस पर 5 लाख का ईनाम है और संजय नरेटी, सगुन राम आंचला, इतवारिन पड़्दा पर एक -एक लाख का ईनाम घोषित था। इन सभी ने एक साथ आत्मसमर्पण कर दिया है। 

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कमजोर हो रहा नक्सली संगठन 

उल्लेखनीय है कि, छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद को खत्म करने के लिए कई आक्रामक ऑपरेशन चलाए जा रहे हैं। धीरे-धीरे इसका असर भी देखने को मिल रहा है। अब नक्सली संगठन काफी कमजोर हो गया है। आत्मसमर्पित नक्सलियों ने पुलिस को बताया कि, संगठन के कई बड़े लीडर जंगल छोड़कर जा चुके हैं और सेफ जोन की तलाश में हैं। साथ ही वो बड़े लीडर जिनकी उम्र हो चुकी है और लड़ने की स्थिति में नहीं है वे अब आत्मसमर्पण कर रहे हैं। 

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