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अचानकमार टाइगर रिजर्व के लमनी कोर एरिया के छिरहट्टा के जंगल में बाघिन की मौत को लेकर वन अफसरों ने एक प्रेस नोट जारी किया है। 

रायपुर। अचानकमार टाइगर रिजर्व के लमनी कोर एरिया के छिरहट्टा के जंगल में बाघिन की मौत को लेकर वन अफसरों ने एक प्रेस नोट जारी किया है। विभाग द्वारा जारी प्रेस नोट को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। प्रेस नोट में अफसरों ने बाघिन की मौत मेटिंग के दौरान संघर्ष होने की आशंका व्यक्त की है। विभागीय अफसरों ने जो प्रेस नोट जारी किया है, सूत्रों के मुताबिक तब बाघिन का पोस्टमार्टम किया ही नहीं गया था। 

उल्लेखनीय है कि,  वन अफसरों को शुक्रवार को बाघिन की मौत होने की जानकारी मिली थी। बाघिन की मौत दो दिन पूर्व हुई थी। बाघिन की मौत के बाद अफसरों ने बयान जारी कर बताया कि एटीआर अंतर्गत लमनी कोर परिक्षेत्र के छिरहट्टा के जंगल में एकेटी- 13 मादा टाइगर की मृत्यु की सूचना प्राप्त हुई है। मौत के कारण टी-200 के साथ मेटिंग या टेरिटरी की लड़ाई का परिणाम बताया। साथ ही एनटीसीए के प्रोटोकॉल के तहत बाघिन का पीएम करने की जानकारी देते हुए पीएम रिपोर्ट मिलने के बाद विस्तृत जानकारी उपलब्ध कराने की बात कही।

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मेटिंग के दौरान नहीं होता संघर्ष

वन्यजीव के जानकारों के मुताबिक,  जंगल में बाघ प्रेरित ओव्यूलेटर होते हैं, जिसका अर्थ है कि बाघिन के अंडाशय संभोग के जवाब में अंडे (ओव्यूलेट) छोड़ते हैं। बाघ बेतरतीब ढंग से मेटिंग नहीं करते, इसके बजाय, वे एक विशिष्ट प्रजनन पैटर्न का पालन करते हैं। इसके तहत बाधिन हिट में आने के बाद (एस्ट्रस) में थोड़े समय के लिए आती है, आमतौर पर 3-9 दिनों के लिए वह मेटिंग के लिए ग्रहणशील होती है और मेटिंग के लिए प्रेरित करने साथी की तलाश में गुरनि के साथ गंध और अपने चिन्ह छोड़ते हैं। इस तरह से बाधिन अपने लिए मेटिंग के लिए साथी तलाश करती है। मेटिंग के लिए बाघिन जब तक तैयार नहीं होगी, नर बाघ, बाघिन के साथ किसी भी हाल में मेटिंग नहीं कर सकता।

नर के टेरिटरी में कई बाधिन रह सकती हैं

नर बाघ के टेरिटरी में कई मादा बाघ रह सकती हैं। नर बाघ चाहता है कि उनके जंगल में ज्यादा से ज्यादा बच्चे हों। इसलिए नर बाघ अपने टेरिटरी में आने वाली बाघिन के साथ संघर्ष नहीं करता। मादा बाघ भी चाहती है कि उनके बच्चे मजबूत और स्वस्थ्य हो, इसलिए मादा बाघ हमेशा बलशाली तथा स्वस्थ्य बाघ के साथ मेटिंग करना चाहती है।

असंभव है

वन्यजीव प्रेमी नितिन सिंघवी ने बताया कि, विभाग का यह दावा कि बाघिन की मौत टी - 200 नर बाघ के साथ मेटिंग को लेकर लड़ाई के कारण हुई, असंभव प्रतीत होता है। बाघ, एस्ट्रस के बाहर बाघिनों के साथ संभोग करने का प्रयास नहीं करते। यदि एकेटी-13 एस्ट्रस में होती, तो यह असंभव है कि वह टी-200 के साथ लड़ती, क्योंकि वह स्वस्थ, उपयुक्त नर के साथ मेटिंग करना पसंद करती। इसके अलावा, बाघ और बाघिन के क्षेत्रों का ओवरलैप ऐसे संघर्षों को दुर्लभ बनाता है।

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