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बेमेतरा जिले के प्राथमिक शाला साल्हेपुर में शनिवार को दीपावली को अंजोर उत्सव के रूप में मनाया गया। ग्रामीणों ने बच्चों के साथ समारोह में भाग लिया।

बेमेतरा। छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले के प्राथमिक शाला साल्हेपुर में शनिवार को दीपावली को अंजोर उत्सव के रूप में मनाया गया। इस कार्यक्रम का आरंभ दीप प्रज्वलित और अतिथियों के स्वागत के साथ हुआ। ग्रामीणों ने बच्चों के साथ समारोह में भाग लिया। बच्चों ने अपने-अपने स्कूल प्रांगण में शिक्षकों के साथ मिलकर सुरहुत्ती के दीये जलाए। 

प्रधान पाठक अंबालिका पटेल ने बताया कि, दीपावली हमारे देश का एक प्रमुख त्यौहार है। यह त्यौहार कार्तिक महीने की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। दीपावली का मतलब दीपों की एक पंक्ति से है, जो अंधकार को भगाकर प्रकाश की ओर जाने का प्रतीक है। जिस प्रकार दीप के जलने से अंधकार मिट जाता है। उसी प्रकार दीपावली के दिन एक दूसरे को शुभकामनाएं देकर, एक दूसरे से आत्मीयता से मिलकर, एकता, प्रेम, और भाईचारे का संदेश देकर अपने रिश्ते मजबूत बना कर हमारे अंदर की अंधकार को दूर कर खुशियों से प्रकाशित करते है। 

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 पटाखे फोड़ते समय रखें सावधानी

उन्होंने ने बताया कि, इस दिन नए कपड़े पहनते है। अमावस्या के दिन माता लक्ष्मी और कुबेर देव की पूजा की जाती है। बताशें का प्रसाद चढ़ाया जाता है। मिठाइयां बांटते है, बच्चे फुलझड़ी जलाते है,  पटाखे फोड़ते है, फटाखे सावधानीपूर्वक फोड़ने चाहिए, ताकि की भी तरह की अनहोनी न हो। रंगोली बनाते है। लक्ष्मी पूजा के दूसरे दिन गोवर्धन की पूजा की जाती है। भाई दूज में बहने अपने भाइयों की पूजा करते है। राउत नाचा होती है, महिलाएं सुवा नृत्य करती है। ये हमारी संस्कृति की धरोहर है। इस दीपोत्सव में खुशियां बांटी जाती है। यह त्यौहार धनतेरस से शुरु होकर भाईदूज तक यह त्यौहार चलता है। दीपावली का त्यौहार जीवन जीने का नया उत्साह प्रदान करता हैं। हमें खुशियों की सौगात देता है। दीपावली का त्यौहार जीवन जीने का नया उत्साह प्रदान करता हैं। हमें खुशियों की सौगात देता है। 

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 पर्यावरण की स्वच्छता का रखें ध्यान पटाखे कम फोड़े

एसएमसी अध्यक्ष संतोष केशरवानी ने बताया कि, दीपावली जीवन के उत्सव का प्रतीक है। इस त्यौहार को पूरा देश धूमधाम से मनाते है। यह त्यौहार हमारी संस्कृति की आत्मा है जो एक दूसरे के घरों में दीप दान कर एक व्यक्ति को दूसरे व्यक्ति से जोड़ता है। सम्मान देता है।  बच्चों से कहा कि, पटाखे दूर से फोड़े, और जहां तक संभव हो सके पर्यावरण की स्वच्छता को बनाएं रखने के लिए बहुत कम मात्रा में पटाखे  का उपयोग करें। 

दीप जलाकर मां लक्ष्मी जी की पूजा 

स्कूल के बच्चों और शिक्षकों को दीपावली की बधाई देते हुए सरपंच प्रकाश गायकवाड़ ने कहा कि, भगवान राम ने 14 वर्ष की वनवास के बाद जब अयोध्या लौटे तो उसकी खुशी में पूरे अयोध्या में घर-घर गली मुहल्ले में हर जगह दिए जलाए गए। इस तरह हर साल इस दिन दीपोत्सव के रूप में मनाया जाता है। स्कूल के बच्चों ने दीप जलाकर, मां लक्ष्मी जी की पूजा कर, सुवा नृत्य, राउत नाच की मनमोहक प्रस्तुत दी। 

ये रहे थे मौजूद 

इस मौके पर शाला के प्रधान पाठक अंबालिका पटेल सहित संतोष केशरवानी अध्यक्ष एसएमसी, प्रकाश गायकवाड़ सरपंच ग्राम पंचायत डागनियां, शाला के अन्य शिक्षकों डागेंद्र निषाद, प्रदीप कुमार और ग्रामीणों उपस्थित थे। डागेंद्र निषाद ने उपस्थित अतिथियों के प्रति धन्यवाद और आभार प्रगट किया हैं।

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