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एक बार फिर से कालीचरण महाराज ने नाथूराम गोडसे का समर्थन भी किया है। कालीचरण के बयान का विरोध करते हुए कांग्रेस ने तत्काल उनकी गिरफ्तारी की मांग की है।

रायपुर। राजधानी रायपुर में एक बार फिर से महाराष्ट्र के संत कालीचरण ने विवादित बयान दिया है। इस बार उन्होंने राम मंदिर और अध्योध्या पर अपनी राय रखने वाले शंकराचार्यों पर अमर्यादित टिप्पणी की है। जब उनसे पूछा गया कि शंकराचार्य ने प्राण प्रतिष्ठा समारोह का विरोध किया है, तब उन्होंने कटाक्ष करते हुए कहा कि सज्जनों के वेष में राक्षस भी होते हैं। उन्होंने कहा, साधु-संत अपने अहंकार को चूल्हे में डालें और जो राजा हिंदुत्व का काम कर रहा है, उनका साथ दें। उन्होंने कांग्रेस को राक्षस भी कहा है। एक बार से कालीचरण महाराज ने नाथूराम गोडसे का समर्थन भी किया है। कालीचरण के बयान का विरोध करते हुए कांग्रेस ने तत्काल उनकी गिरफ्तारी की मांग की है।

राजधानी के विश्व हिंदू परिषद के कार्यालय मंगलवार को कालीचरण महाराज ने पत्रकारों से चर्चा करते हुए कहा, अहंकार के सामने भगवान भी दोयम हो जाते हैं। उन्होंने कहा, राम मंदिर के अधूरा होने को लेकर कहा, प्रत्येक चरण एक पूर्णता ही है। हम किसी भी रास्ते पर बढ़ रहे हैं, हर एक गंतव्य की तरफ बढ़ता हुआ कदम पूर्णता है। उन्होंने कहा, राम मंदिर का निर्माण होना भी हमारे लिए एक सपना था। हमें आशा ही नहीं थी कि कभी राम मंदिर बन सकता है, लेकिन उत्तर प्रदेश और देश के राजा ने मंदिर बना दिया है। उन्होंने कहा, अगर राम मंदिर में पहली मंजिल बन गई है, तो इसका मतलब यह है कि राम मंदिर बन गया है।

राम का विरोध करने वाले राक्षस
कालीचरण महाराज ने कांग्रेस के नेताओं द्वारा अयोध्या का निमंत्रण ठुकराने के मामले में हनुमान चालीसा का उल्लेख करते हुए कहा, भूत पिशाच निकट नहीं आवे, महावीर जब नाम सुनावें। उन्होंने कहा, जो लोग भी राम का विरोध कर दिया वे राक्षस है। भगवान के पास राक्षस कैसे जाएंगे। भगवान के पास राक्षस नहीं जा सकते, क्योंकि वहां हनुमान जी है। कालीचरण महाराज ने कहा, मुसलमानों की मांग क्यों पूरी की जाती है, क्योंकि वे वोट बैंक है। हिंदू वोट बैंक नहीं है। हिंदू सड़े हुए जातिवाद में उलझा है। उन्होंने कहा, हिंदुओं का कल्याण करे, ऐसा कट्टरवादी हिंदू राजा सभी जगह बैठना चाहिए।

धर्मांतरण पर कानून जरूरी
धर्मांतरण के मामले में कालीचरण महाराज ने कहा, धर्म एक ही है, सनातन। इस्लाम और ईसाई धर्म ही नहीं हैं। उन्होंने कहा, धर्म के तीन लक्षण होते हैं, पुनर्जन्म साइंस, ईश्वर टारगेट होना और कर्म फल सिद्धांत। उन्होंने कहा, धर्म परिवर्तन नहीं होता, छुड़ाया जाता है। इसका कानून होना चाहिए। राज्यसभा-लोकसभा में हिंदुत्ववादी राजा को बैठाना है, इसलिए हमारा टारगेट है राजनीति का हिंदुत्वकरण करना। हिंदू को वोट बैंक बनाना।

गोडसे का फिर समर्थन 
राजधानी रायपुर में महात्मा गांधी पर अमर्यादित टिप्पणी करने और नाथूराम गोडसे का समर्थन करने वाले कालीचरण महाराज ने एक बार फिर नाथूराम गोडसे के समर्थन में बयान दिया और कहा, नाथूराम गोडसे को कोटि-कोटि नमस्कार है। रघुपति राघव राजा राम, देश बचा गए नाथूराम। 

सुशील बोले- कालीचरण एक दुष्ट प्रवृत्ति का व्यक्ति 
कांवेस संचार विभाग प्रमुख सुशील आनंद शुक्ला ने कालीचरण महाराज के बयान पर कहा, कालीचरण एक दुष्ट प्रवृत्ति का व्यक्ति है, वो कोई संत महात्मा तो नहीं है। भाजपा को राष्ट्रपिता का अपमान करने वले कालीचरण को तत्काल गिरफ्तार करना चाहिए। साथ ही भाजप को स्पष्ट करना चाहिए कि वह राष्ट्रपिता के साथ है या कालीचरण और नाथूराम गोडसे के साथ है। यह दुर्भाग्य है कि राष्ट्रपिता का अपमान करने वाले को खुलेआम एक मंच दिया जा रहा है। 

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