कुश अग्रवाल- बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में पुलिस ने बिटकॉइन इन्वेस्टमेंट के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने 2 साल में 5 गुना रकम करने का झांसा देकर लोगों को निवेश करने के लिए मजबूर किया और बाद में पैसे लौटाने से इनकार कर दिया। इस मामले में पुलिस ने 7 लाख रुपये की ठगी के आरोप में कटघोरा निवासी लोकेश द्विवेदी (30) और रोहांसी निवासी नंदकिशोर साहू उर्फ एडवाइजर (35) को गिरफ्तार किया है।
यह है धोखाधड़ी की पूरी कहानी
ग्राम अमोदी चौक स्थित श्री लक्ष्मी चॉइस सेंटर के संचालक प्रदीप केंवट और उनके साथी कमल किशोर देवांगन ने वर्ष 2022 में बिटकॉइन में निवेश किया था। उन्हें कटघोरा निवासी लोकेश द्विवेदी और उसके साथी नंदकिशोर साहू ने झांसा दिया था कि उनकी निवेशित राशि दो साल में पांच गुना हो जाएगी। इस प्रलोभन में आकर दोनों ने कुल 7 लाख रुपये निवेश कर दिए। जब तय समय पूरा हुआ, तो आरोपियों ने पैसे लौटाने से इनकार कर दिया और फरार हो गए।
पूछताछ में कबूला जुर्म
इस धोखाधड़ी की शिकायत मिलने पर गिरौदपुरी पुलिस ने अपराध क्रमांक 32/2025 के तहत धारा 420 और 34 भादवि के तहत मामला दर्ज कर जांच शुरू की। पुलिस ने तेजी से कार्रवाई करते हुए आरोपियों को क्रमशः बिलासपुर और रोहांसी से गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ के दौरान दोनों ने बिटकॉइन इन्वेस्टमेंट के नाम पर ठगी करने की बात कबूल की। आरोपियों को विधिवत गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश करने की प्रक्रिया जारी है।
आरोपियों का ठगी का तरीका
पुलिस जांच में पता चला है कि ये आरोपी अलग-अलग क्षेत्रों में जाकर लोगों को बिटकॉइन में निवेश करने के लिए प्रेरित करते थे। वे लोगों को यह विश्वास दिलाते थे कि उनका पैसा कुछ वर्षों में कई गुना बढ़ जाएगा। कई लोग उनके झूठे वादों में आकर अपनी मेहनत की कमाई लगा देते थे। आरोपियों ने बलौदा बाजार जिले सहित अन्य स्थानों पर भी कई लोगों से ठगी की है। और बेहिसाब संपत्ति भी बनाई है।
पुलिस ने लोगों को सतर्क रहने की दी सलाह
इस घटना के बाद पुलिस ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी लोकलुभावनी स्कीम या वर्चुअल करेंसी के नाम पर ठगी करने वालों से सतर्क रहें। यदि कोई इस तरह के संदिग्ध इन्वेस्टमेंट स्कीम की पेशकश करता है, तो तुरंत पुलिस को सूचित करें ताकि किसी और को नुकसान न हो।