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बस्तर जिले के बकावण्ड के बीईओ पर गाली-गलौच एवं दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए डॉक्टरों ने सीएमएचओ और कलेक्टर से शिकायत की है। डॉक्टरों ने गाली- गलौच के साथ सीआर खराब करने की धमकी देने का आरोप लगाया है। 

महेंद्र विश्वकर्मा- जगदलपुर। बस्तर जिले के बकावण्ड के बीईओ पर गाली-गलौच एवं दुर्व्यवहार करने का आरोप लगाते हुए डॉक्टरों ने सीएमएचओ और कलेक्टर से शिकायत की गई है। सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बकावण्ड में पदस्थ चिकित्सको का आरोप है कि, पिछले डेढ़ वर्ष से अमर्यादित एवं अपमानजनक व्यवहार करने के साथ ही अपशब्द एवं गाली-गलौच कर लगातार मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा है। अनुचित व्यवहार का विरोध करने पर हमारी उपस्थिति पंजी में अनुपस्थिति दर्ज करने, वेतन रोकने, गोपनीय चरित्रावली (सीआर) खराब करने और अन्य अनुचित कार्यवाही करने की धमकी दी है।डॉक्टरों ने जांच कर कार्रवाई की मांग की है। 

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डॉक्टरों ने लिखित में दी शिकायत

कलेक्टर से की शिकायत पत्र में बकावण्ड में पदस्थ चिकित्सकों ने कहा कि, चिकित्सक सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बकावण्ड में चिकित्सा विशेषज्ञ एवं चिकित्सा अधिकारी के पद पर पदस्थ हैं, हमारे द्वारा नियमित रूप एवं नि:स्वार्थ भाव से जन सामान्य के स्वास्थ्य हित में अपनी सेवाएं दी जा रही है। लेकिन खेद का विषय है कि खण्ड चिकित्सा अधिकारी सीएचसी बकावंड हरीश मरकाम द्वारा हम समस्त चिकित्सक के साथ लगातार पिछले डेढ़ वर्ष से दुर्व्यवहार किया जा रहा है। 

महिला ओपीडी में लगाया सीसीटीवी 

पत्र में बताया गया है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बकावण्ड में डॉ. दीप्ति दीवान डेन्टल सर्जन के पद पर पदस्थ है जो कि नियमित रूप से ओपीडी में आने वाले मरीजों को अपनी सेवा प्रदान कर रही है। अस्पताल में कुल चार ओपीडी कक्ष हैं। लेकिन बीएमओ डॉ. मरकाम द्वारा केवल डॉ. दीप्ति दीवान के बैठे जाने वाले ओपीडी में सीसीटीवी कैमरा लगाया गया है। चूंकि, अस्पताल में महिला मरीज भी स्वास्थ्य लाभ लेने आते हैं। जिनकी आवश्यकता पड़ने पर परीक्षण करने की आवश्यकता होती है। ऐसे में ओपीडी कक्ष में सीसीटीवी लगे होने के कारण महिला मरीजों के तत्कालीन समय में परीक्षण करने में असुविधा होती है। केवल महिला चिकित्सक के ओपीडी में सीसीटीवी लगाया जाने का कार्य भेदभाव पूर्ण है।

सीएमएचओ के आदेश को भी किया मानने से इंकार

अस्पताल में पदस्थ चिकित्सा अधिकारी डॉ. गजेन्द्र सेठिया ने लिखा कि 10 दिसम्बर से 30 दिसम्बर तक अर्जित अवकाश हेतु आवेदन जमा किये थे। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी जिला बस्तर द्वारा अवकाश स्वीकृत हो चुका था। उक्त समयावधि के दौरान अस्पताल के अन्य डॉक्टर किसी प्रकार की छुट्टी में नहीं थे, लेकिन बीएमओ मरकाम द्वारा डॉ. गजेन्द्र सेठिया को 11 दिसम्बर के रात को मोबाईल के माध्यम से तुरन्त ही कार्यस्थल बकावण्ड पहुंचकर 13 दिसम्बर की नियमित ड्यूटी करने हेतु आदेशित किया गया। डॉ. गजेन्द्र सेठिया द्वारा डॉ. मरकाम को पारिवारिक कारण से राज्य ओड़िसा में होने की जानकारी देते हुए कार्य पर उपस्थित होने में असमर्थता जतायी। लेकिन इसके बाद भी बीएमओ ने मानसिक दबाव डालकर अवकाश स्थल से वापस बुलाकर 13 दिसम्बर को रात्रिकालीन ड्यूटी करवाया।

बीमार डॉक्टर से जबरन कराई ड्यूटी 

डॉ. सूर्या गुप्ता सीएचसी बकावण्ड में चिकित्सा अधिकारी के पद पर पदस्थ हैं। डॉ. गुप्ता का आरोप है कि 26 दिसम्बर को डायरिया एवं उल्टी होने के कारण दो दिवस के आकस्मिक अवकाश हेतु आवेदन प्रस्तुत किया गया था। डॉ. मरकाम द्वारा आवेदन निरस्त करते हुए ड्यूटी करने का आदेश दिया गया। जिससे मेरे द्वारा शारीरिक परेशानी होने के बाद भी ड्यूटी किया गया, ऐसे में जब हम चिकित्सक जनता के स्वास्थ्य हित में निरंतर ड्यूटी कर रहे हैं तब स्वास्थ्य ठीक नहीं होने की जानकारी के बाद भी स्वयं के स्वास्थ्य का लाभ हेतु अवकाश पर निरस्त होना शारीरिक के साथ-साथ मानसिक परेशानी का सामना करना पड़ा।

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