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सतनामी समाज के धार्मिक स्थल को पहुंचाई गई क्षति को लेकर राज्य सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व कलेक्टर केएल चौहान और एसएसपी सदानंद कुमार निलंबित कर दिया है।

रायपुर- बलौदाबाजार जिले के गिरौदपुरी धाम में सतनामी समाज के धार्मिक स्थल को पहुंचाई गई क्षति को लेकर राज्य सरकार ने बड़ी कार्रवाई करते हुए पूर्व कलेक्टर केएल चौहान और एसएसपी सदानंद कुमार निलंबित कर दिया है। यह आदेश अवर सचिव ने जारी किया है। दरअलस, 11 जून को बलौदाबाजार जिले से कलेक्टर और एसपी के तबादले के लिए आदेश जारी किया गया था। कलेक्टर केएल चौहान को मंत्रालय में विशेष सचिव और एसएसपी सदानंद कुमार को उप पुलिस महानिरीक्षक बनाया गया था। 

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तोड़‌फोड़ की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन

धार्मिक स्थल पर तोड़‌फोड़ की जांच के लिए न्यायिक आयोग का गठन भी कर दिया है। इधर, बलौदाबाजार हिंसा मामले में पुलिस ने भी ताबड़तोड़ कार्रवाई जारी रखते हुए और 39 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। इनमें 20 आरोपी ऐसे हैं, जिनकी हिंसा में सक्रिय भागीदारी रही है। धार्मिक स्थल पर तोड़फोड़ और फिर हिंसा को लेकर सियासत भी जारी है। कांग्रेस की एक टीम आज घटनास्थल पहुंची और लोगों और अफसरों से मुलाकात की। यह जांच टीम पीसीसी को रिपोर्ट सौंपेगी। शुक्रवार को कांग्रेस के बड़े नेता पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, डा चरणदास महंत और दीपक बैज वहां पहुंचेंगे। इस बीच सतनामी समाज के कई प्रतिनिधियों ने सीएम हाउस में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात की। श्री साय ने भरोसा दिलाया कि दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी, निर्दोष को प्रताड़ित नहीं किया जाएगा। गौरतलब है, हिंसा के बाद सरकार ने आरोपियों की धरपकड़ तेज कर रखी है। सियासी गर्मी के बीच प्रशासनिक सख्ती भी जारी है। घटना के बाद शासन ने बलौदाबाजार कलेक्टर कुमार लाल चौहान और एसपी सदानंद कुमार को तत्काल प्रभाव से हटा दिया था। 

पुलिस ने आठ एफआईआर दर्ज की

अब दोनों अफसरों को सस्पेंड कर दिया गया। इधर, हिंसा के बाद पुलिस ने आठ एफआईआर दर्ज की है। उसी आधार पर उपद्रवियों की गिरफ्तारी की जा रही है। बुधवार रात इसी मामले में 39 लोगों को गिरफ्तार किया गया, इनमें से 20 की हिंसा में बड़ी भूमिका रही है। पुलिस लगातार आरोपियों की तलाश कर रही है। कई टीमें जांच में लगी हुई हैं। इधर, कांग्रेस की जांच टीम के संयोजक डॉ. शिव कुमार डहरिया सदस्यों के साथ घटनास्थल पहुंचे। उन्होंने वहां पड़ताल की। श्री डहरिया ने कहा, जैतखाम को क्षतिग्रस्त करने के बाद एफआईआर भी नहीं की गई। समाज के लोग कमेटी बनाकर मामले की जांच की मांग कर रहे थे, लेकिन सरकार ने ऐसा नहीं किया। जिन तीन आरोपियों को पकड़ा गया, उन्हें भी जमानत दे दी गई, जो अब फरार हैं। समाज के लोगों ने जब आंदोलन किया, तो सरकार ने जांच समिति बनाई। ये सतनामी समाज और छत्तीसगढ़‌या लोगों का अपमान है। 

व्यापारियों में गुस्सा, बंद स्थगित

आगजनी और हिंसक घटनाओं के बाद बलौदबाजार के व्यापारी गुस्से में हैं। नाराज व्यापारियों ने घटना के विरोध में बंद का आह्वान किया था, लेकिन धारा 144 लागू होने के कारण शुक्रवार को बुलाए गए बंद को स्थगित कर दिया है।

भाजपा का पलटवार

इधर, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने बलौदाबाजार की बेहद दुर्भाग्यपूर्ण हिंसक वारदात को लेकर कांग्रेस पर सस्ती और ओछी राजनीति करके वातावरण बिगाड़ने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा, मामले में हो रही जांच और गिरफ्तारियों पर कांग्रेस नेता एकाएक प्रलाप करके यह स्पष्ट कर रहे हैं कि इस अराजकता और हिंसा से कांग्रेस का कनेक्शन है। ऐसा प्रतीत हो रहा है कि, कतिपय षड्यंत्रकारियों ने सतनामी समाज के लोगों को बदनाम करने इस कृत्य को अपने राजनीतिक स्वार्थ की पूर्ति के लिए अंजाम दिया है। अब इस मामले की सूक्ष्मता से जांच के बाद सारे तथ्य सामने आएंगे। प्रदेश सरकार ने तत्काल इस पूरी घटना पर संज्ञान लेकर न केवल त्वरित रूप से कानूनी कार्रवाई की, अपितु सतनामी समाज के प्रमुखों से विस्तृत चर्चा कर इस हिंसा को नियंत्रित करने के लिए कारगर कदम उठाए। उन्होंने कहा, भाजपा को सतनामी समाज का विरोधी बताने वाले कांग्रेसियों को यह नहीं भूलना चाहिए कि कुतुबमीनार से भी ऊंचा जैतखाम छत्तीसगढ़ में डॉ. रमन सिंह के मुख्यमंत्रित्व काल में भाजपा की पूर्ववर्ती प्रदेश सरकार ने ही बनाया था।

आठवां केस दर्ज

पुलिस ने देर शाम बयान जारी कर बताया कि गुरुवार को भी 39 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया। हिंसा के बाद अब तक कुल 121 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है। प्रकरण में शामिल अन्य आरोपियों की सरगर्मी से पता तलाश जारी है। पुलिस ने पहले सात एफआईआर दर्ज की थी, इस मामले में आठवां केस भी दर्ज है।

जो दोषी उन पर सख्त कार्रवाई, जो निर्दोष उनको प्रताड़ना नहीं

मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में सतनामी महासभा का प्रतिनिधि मंडल मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से चर्चा के लिए पहुंचा। प्रतिनिधि मंडल को राज्य के मुखिया ने भरोसा दिलाते हुए कहा कि बलौदाबाजार की घटना निंदनीय है। इसमें दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्यवाही होगी। साथ ही समाज के लोगों को आश्वस्त किया कि मामले में किसी निर्दोष को प्रताड़ित न करते हुए न्याय किया जाएगा। समाज के लोगों से कहा कि शासन-प्रशासन द्वारा की जाने वाली कार्यवाही पूरी तरह से व्याय संगत होगी। मुख्यमंत्री श्री साय ने गृहमंत्री एवं डिप्टी सीएम विजय शर्मा, राजस्व मंत्री टंकराम वर्मा, पूर्व मंत्री एवं विधायक पुन्नू लाल मोहले और सतनामी समाज के प्रमुख डॉ बसन्त अंचल, लक्ष्मी सिन्हा, चौथराम भारद्वाज, राजेश आदिले, भुवनलाल लहरे से हर बिन्दु पर चर्चा की। इस दौरान भरत लाल खांडे, रामेश्वर सोनहरे, एमपी कुरें, दिनेश लहरे, डॉ एस एल निराला भी मौजूद थे। मुलाकात के दौरान प्रतिनिधिमंडल ने एक स्वर में कहा कि र राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में शांति एवं सद्भावना बनाए रखने के लिए किए जा रहे कार्यों में समाज की सहभागिता आगे भी रहेगी। उनके द्वारा बताया गया कि सतनामी समाज बाबा गुरु घासीदास का अनुयायी है। यह सदैव शांतिप्रिय समाज रहा है। सतनामी समाज इस घटना की निंदा करता है। घटना को असमाजिक तत्वों द्वारा अंजाम दिया गया है इसमें समाज की कोई संलिप्तता नहीं है। समाज में इस घटना को लेकर गहरा दुख है। हम चाहते हैं कि जिन लोगों ने घटना को अंजाम दिया है, उनके खिलाफ कार्यवाही हो, ताकि ऐसी घटना दोबारा न होने पाए।

धार्मिक स्थल को क्षति पहुंचाने के संदर्भ में नहीं की कार्रवाई

शासन ने देर रात आदेश जारी कर तत्कालीन कलेक्टर और एसपी को सस्पेंड कर दिया। जारी किए गए आदेश में कहा गया है कि बलौदाबाजार में मई माह में धार्मिक स्थल को पहुंचाई गई क्षति की घटना के संबंध में प्राप्त शिकायतों के अनुसार पुलिस प्रशासन की तरफ से कार्रवाई नहीं की गई। इसके कारण तत्कालीन पुलिस अधीक्षक सदानंद कुमार के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई विचाराधीन है। इस कारण उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जाता है। निलंबन अवधि में श्री सदानंद का मुख्यालय पुलिस मुख्यालय रायपुर रहेगा। उन्हें निलंबन अवधि में सक्षम प्राधिकारी की अनुमति के बिना मुख्यालय नहीं छोड़ने कहा गया है। पुलिस अधीक्षक के साथ ही तत्कालीन जिला कलेक्टर कुमार लाल चौहान को भी निलंबित किया गया है। उनके निलंबन का भी कारण धार्मिक स्थल को पहुंचाई गई क्षति के बाद उचित कार्रवाई ना किया जाना बताया गया है। निलंबन अवधि में श्री चौहान का मुख्यालय छत्तीसगढ़ मंत्रालय, महानदी भवन होगा।

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