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रायपुर से भाजपा के सांसद बृजमोहन अग्रवाल की पहल रंग लाने लगी है। कान्हा और अचानकमार के बीच पड़ने वाला भोरमदेव अभयारण्य जल्द ही टाइगर रिजर्व का रूप लेने जा रहा है। 

रायपुर। छत्तीसगढ़ के वन्यजीव संरक्षण को एक नई दिशा देते हुए भोरमदेव अभ्यारण्य को टाइगर रिजर्व घोषित करने की प्रक्रिया अंतिम चरण में पहुंच गई है। यह महत्वपूर्ण निर्णय रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल की पहल पर लिया गया है। उनकी मांग पर केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव ने राष्ट्रीय व्याघ्र संरक्षण प्राधिकरण (NTCA) के माध्यम से छत्तीसगढ़ सरकार को आवश्यक निर्देश जारी किए हैं। 

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सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने केंद्रीय वन मंत्री को लिखे पत्र में कहा था कि, भोरमदेव अभयारण्य, जो कान्हा टाइगर रिजर्व के बफर क्षेत्र से जुड़ा हुआ है, वन्यजीव संरक्षण की दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। NTCA ने 28 जुलाई 2014 को इस क्षेत्र को टाइगर रिजर्व बनाने की अनुशंसा की थी। इसके बाद छत्तीसगढ़ राज्य वन्यजीव बोर्ड ने भी इसकी मंजूरी दी थी। केंद्रीय वन मंत्री के माध्यम से NTCA ने राज्य सरकार को निर्देश जारी कर दिए गए हैं, जिससे इस प्रस्ताव को अंतिम रूप दिया जा रहा है। भोरमदेव टाइगर रिजर्व के रूप में यह क्षेत्र कान्हा-अचानकमार कारीडोर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा बनेगा, जिससे बाघों के सुरक्षित आवागमन को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, बारहसिंघा सहित अन्य दुर्लभ वन्यजीवों के संरक्षण में भी यह क्षेत्र अहम भूमिका निभाएगा। 

Bhoramdev Sanctuary, Tiger Reserve

वन्यजीव संरक्षण को मजबूती मिलेगी : बृजमोहन

इस अवसर पर सांसद श्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा, भोरमदेव अभ्यारण्य को टाइगर रिजर्व का दर्जा मिलने से वन्यजीव संरक्षण को मजबूती मिलेगी। इसके साथ ही, इस क्षेत्र में पर्यटन और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे, जिससे स्थानीय लोगों को आर्थिक लाभ मिलेगा और राज्य के राजस्व में भी वृद्धि होगी। यह निर्णय छत्तीसगढ़ के वन्यजीव संरक्षण, पारिस्थितिक संतुलन और सतत विकास की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम साबित होगा।
 

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