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छत्तीसगढ़ के बस्तर इलाके में स्वास्थ्य सेवाएं गांवों तक पहुंचाना बरसात के दिनों में इतना कितना दुरूह कार्य है, इसकी बानगी यहां हम आपको दिखा रहे हैं।

गणेश मिश्रा- बीजापुर। लगभग महीने भर से हो रही लगातार बारिश के बीच बस्तर के बीजापुर जिले में मलेरिया ने पांस पसार दिए हैं। मलेरिया के प्रकोप पर काबू पाने के लिए स्वास्थ्य विभाग को एड़ी- चोटी का जोर लगाना पड़ रहा है।

जिले के नगरीय क्षेत्रों को अगर छोड़ दें तो अंदरूनी, पहुंचविहीन इलाकों तक लोगों के लिए स्वास्थ्य सुविधाएं पहुंचाना बीजापुर जिले में कितनी बड़ी चुनौती है, आप वीडियो देखकर समझ सकते हैं। आज हम आपको स्वास्थ्य कर्मियों के संघर्ष और चुनौती से जुड़ी ऐसी तस्वीरें दिखा रहे हैं जिसे देखकर सहज ही आप कहेंगे कि, क्या कहीं स्वास्थ्य सुविधाएं देना इतना मुश्किल भी हो सकता है। 

आलोचना आसान, लेकिन सेवा करना उतना ही कठिन

खासकर ये तस्वीरें उन लोगों को जरूर देखनी चाहिए जो लोग स्वास्थ्य विभाग और स्वास्थ्य कर्मियों की आलोचनाएं करते हैं। उन्हें यह समझने की आवश्यकता है कि, ऐसे इलाकों में पहुंचकर जहां बारिश के दिनों में उस गांव के ग्रामीणों को अपने घर पहुंचने में भी कितनी तकलीफ होती होगी, ऐसे इलाकों में स्वास्थ्य सुविधाओं को बहाल करना या ग्रामीणों का इलाज करना कितना मुश्किल होता है।

भारी बारिश के बीच गांव पहुंची स्वास्थ्य विभाग की टीम

दरअसल बीजापुर जिले के ग्राम कड़ेर में स्वास्थ्य शिविर का आयोजन किया जाना था। लेकिन वहां पहुंचने के लिए स्वास्थ्य विभाग की टीम के सामने भारी बारिश के साथ नदी नालों को पार करने की चुनौती थी। बावजूद इसके टीम द्वारा गांव पहुंचकर कड़ेर में स्वास्थ्य शिविर अयोजित किया गया है और 465 ग्रामीणों का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया। इस दौरान 87 गर्भवती महिलाओं और लगभग 100 लोगों की मलेरिया जांच भी की गई।

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