रायपुर। भाजपा के संगठन चुनाव का तीसरा चरण पूरा हो गया है। इसमें प्रदेश के 36 जिलों के जिलाध्यक्षों के दावेदारों के नामों पर मंथन करने के बाद तीन-तीन नामों का पैनल बनाकर राष्ट्रीय संगठन को भेज दिया गया है। अब दिल्ली में रविवार को अध्यक्षों के पैनल पर मंथन के बाद नाम तय कर दिए जाएंगे। इसके बाद एक-दो दिनों में अध्यक्षों के नामों का ऐलान कर दिया जाएगा।
रविवार को दिल्ली में भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा, संगठन महामंत्री बीएल संतोष सहित संगठन चुनाव के राष्ट्रीय पदाधिकारी देश के सभी राज्यों के पदाधिकारियों को कार्यशाला में राज्यों के अध्यक्षों के चुनाव की प्रक्रिया की जानकारी देंगे। हालांकि आमतौर पर किसी भी राज्य में चुनाव की स्थिति नहीं आती है, लेकिन प्रक्रिया के बारे में जानकारी देना संगठन चुनाव का अहम हिस्सा है। कार्यशाला में शामिल होने के लिए प्रदेश के पदाधिकारी दिल्ली पहुंच गए हैं।
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भाजपा के सितंबर में सदस्यता अभियान के बाद नवंबर से संगठन चुनाव चल रहा है। इसमें पहले चरण में बूथ कमेटियों का गठन किया गया। इसके बाद मंडल अध्यक्षों का चुनाव हुआ और फिर तीसरे चरण में जिलाध्यक्षों के चयन की प्रक्रिया पूरी की गई है। अपने राज्य छत्तीसगढ़ में पहले भाजपा संगठन के 35 जिले थे जो अब 36 हो गए हैं। बिलासपुर में एक और जिला बढ़ा दिया गया है। ऐसे में सभी जिला संगठनों में जिलाध्यक्षों के दावेदारों के नाम मंगाकर एक दिन पहले ही कुशाभाऊ ठाकरे परिसर में प्रदेश प्रभारी नितिन नवीन की उपस्थिति में जिलाध्यक्षों के नामों का पैनल तय किया गया है। इस पैनल को दिल्ली भेजा गया है। अब दिल्ली में रविवार को जिलाध्यक्ष तय होंगे।
सुबह से कार्यशाला
दिल्ली में संगठन चुनाव को लेकर अंतिम कार्यशाला रविवार को सुबह 9.30 बजे से दोपहर 2.00 बजे तक होगी। इसमें सभी राज्यों के पदाधिकारी शामिल होंगे। कार्यशाला में शामिल होने के लिए प्रदेश संगठन से प्रदेशाध्यक्ष किरण देव, क्षेत्रीय संगठन महामंत्री अजय जामवाल, प्रदेश संगठन महामंत्री पवन साय, प्रदेश के संगठन चुनाव प्रभारी खूबचंद पारख, संगठन चुनाव समिति के सदस्य मधुसूदन यादव, चंपा देवी पावले, कृष्णमूर्ति बांधी दिल्ली गए हैं। इस कार्यशाला में अब राज्यों के अध्यक्ष के चुनाव के बारे में जानकारी दी जाएगी। इसमें बताया जाएगा अगर किसी राज्य में अध्यक्ष के चुनाव की स्थिति आती है तो क्या करना है। इसके लिए मतदान का अधिकार किनको रहेगा इसकी भी पूरी जानकारी दी जाएगी। वैसे आमतौर पर राज्यों के अध्यक्षों का फैसला राष्ट्रीय संगठन करता है। इसके लिए सर्वसम्मति बनाई जाती है। जरूरत पड़ने पर राष्ट्रीय संगठनों को नामों का पैनल भेजा जाता है, उसमें से किसी एक को अध्यक्ष बनाया जाता है। राज्यों के अध्यक्षों के चुनाव के बाद जनवरी में राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा।