महेंद्र विश्वकर्मा- जगदलपुर। छत्तीसगढ़ वन विभाग ने हर साल जंगलों में लगने वाली आग की घटना को रोकने के लिए तैयारी की गई है। बस्तर जिले में 148 अग्नि सुरक्षा श्रमिक पदस्थ किए गए हैं, जो जंगल में झोपड़ी बनाकर रह रहे हैं। साथ ही जंगल में पेड़ों के सूखे पत्तों को एकत्र कर जला रहे है, जिससे जंगल में आग न हो सके। वन रक्षकों के अलावा स्थानीय ग्रामीणों और जंगलों की जानकारी रखने वाले आसपास गांव के ग्रामीणों को आग बुझाने के लिए जागरूक किया जा रहा है।
उल्लेखनीय है कि, आग की घटना होने पर वह तत्काल मौके पर पहुंचकर उसे बुझा सकें और आग की घटना होने पर उसे किस तरह से निपटा जा सके इसकी जानकारी दे रहे हैं। कोई संसाधन उपलब्ध न होने पर भी मौके पर मौजूद संसाधनों से ही आग बुझाने का प्रयास करें। गर्मी के मौसम में हर वर्ष जंगलों में आग की घटनाएं होती है। वन विभाग ने आग की घटनाओं को रोकने के लिए कई कदम उठाए है। वन रक्षकों, जंगल में सुरक्षा के लिए तैनात कर्मचारियों मजदूरों को भी आग बुझाने के लिए प्रशिक्षण दिया गया है। बताया गया कि जंगल या खेतों में आग लगने पर पानी की सुविधा हो तो पानी से बुझा दें। कोई संसासन नहीं है तो पेड़ों की डालियों, डंडों झाड़ियों आदि से आग को पीट पीट कर बुझाने का प्रयास करे। मिटटी या बालू हो तो उसे भी फेंककर आग बुझाया जा सकता है।
आग के लिए बनाई गई योजना
वन विभाग के एसडीओ देवलाल दुग्गा ने बताया कि वन विभाग के अग्नि सुरक्षा कर्मी जंगल में आग से बचाने के लिए प्रयास करते हैं। वन विभाग, वन सुरक्षा समितियां और अग्नि प्रहरी मिलकर जंगलों में आग से सुरक्षा के लिए काम करते हैं। वन विभाग की आग से बचाव के लिए किए जाने वाले प्रयास, जंगलों में आग लगने से रोकने के लिए योजना बनाई गई है।
धुंआं दिखते ही पहुंचे फायरकर्मी
वन विभाग के एसडीओ योगेश रात्रे ने बताया कि आम जनता को आग से बचने के लिए जागरूक किया जा रहा है, वन अधिकारी, कर्मचारी और वन सुरक्षा समितियां सक्रिय रहती हैं। अग्नि प्रहरी और सुरक्षा श्रमिक, वनों में आग या धुंआं दिखने पर तुरंत पहुंचकर आग को बुझा रहे हैं।
वनों को आग से बचाना जरुरी
वन मंडलाधिकारी उत्तम कुमार गुप्ता ने बताया कि वन विभाग ने अभियान शुरू कर दिया है। जंगलों को अलग-अलग ब्लॉकों में बांटा गया है, वन क्षेत्रों में अग्नि से सुरक्षा के लिए सभी बीट में एक-एक अग्नि रक्षक की नियुक्ति की गई है। आग से वृक्षों की काष्ठ की गुणवत्ता भी प्रभावित होती है, इसलिए वनों को आग से बचाना बहुत ज्यादा जरुरी है।