रायपुर। स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सा अधिकारी के रूप में पदस्थ किए गए 27 डॉक्टर गायब हो गए। तीन साल और इससे अधिक अवधि तक अनुपस्थित रहने के दौरान उन्हें विभागीय नोटिस भी जारी किया गया था। इसके बाद बड़ा एक्शन लेते हुए इन डाक्टरों की सेवा समाप्त कर दी गई है। माना जा रहा है कि ज्यादातर चिकित्सकों ने निजी अस्पताल में नौकरी कर ली। इसके साथ ड्यूटी में लापरवाही बरतने के मामले में 21 चिकित्सा अधिकारियों के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश हुए हैं। 

स्वास्थ्य विभाग द्वारा डाक्टरों में विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सा अधिकारी और चिकित्सा विशेषज्ञ के रूप में पदस्थ किया गया था। स्वास्थ्य केंद्रों में इनकी नियुक्ति का उद्देश्य दूर-दराज के क्षेत्रों तक उपचार व्यवस्था को बेहतर और सुगम तरीके से पहुंचाना होता है। नियम के मुताबिक चिकित्सक बिना किसी पूर्व सूचना के लगातार तीन साल अथवा उससे अधिक अवधि के लिए ड्यूटी से अनुपस्थित नहीं रह सकते। जिन डाक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की गई वे लंबी छुट्टी पर थे। स्वास्थ्य विभाग की ओर से इस नियम का उल्लघंन करने वाले इन डाक्टरों को पक्ष रखने के लिए नोटिस जारी किया गया था। कुछ डाक्टर ने इसे नजर अंदाज कर दिया, वहीं कुछ सुनवाई में उपस्थित हुए। उनका पक्ष सुनने और प्रस्तुत अभ्यावेदन पर गंभीरता से विचार करते हुए चिकित्सा अधिकारियों व विशेषज्ञ चिकित्सकों की सेवा समाप्त कर दी गई है।

इन डाक्टरों की सेवा समाप्त 

चिकित्सा अधिकारी डी. प्रशांत कुमार, देवेन्द्र प्रताप, अशोक गुप्ता, शिशिर चंद्राकर, गीता पैकरा, वंदना पटेल, सौरभ अग्रवाल, दीपिका अग्रवाल, विवेक साहू, विश्वजीत करकड़े, अपराजिता माहेश्वरी, बौक्का पवन कुमार, नेहा सरजल, ईशा अरविंद, जिशान दानी, अवधेश प्रताप सिंह, श्रुति तिवारी, मानवेन्द्र जंघेल, देवेश प्रधान, तरुण नायक, नागेन्द्र सोनवानी, योगेश धाबर्डे, दीक्षा मरकाम, तान्या मिश्रा, संदीप तिवारी, प्रणवकांत अघारे एवं कृतिका साहू शामिल हैं।