रायपुर। राजधानी रायपुर के अंतर्राज्यीय बसस्टैंड में पार्किंग शुल्क के नाम पर होने वाली अवैध वसूली एवं गुंडागर्दी से आम लोगों को राहत मिलेगी, क्योंकि पार्किंग की जिम्मेदारी एक महिला समूह को दी गई है। यह समूह दिन में दो शिफ्ट में ड्यूटी करेगी, वहीं रात में महिला समूह के परिवार के पुरुष सदस्य ड्यूटी करेंगे। महिला समूह की ड्यूटी लगाने के साथ पार्किंग शुल्क में भी आम लोगों को राहत दी गई है। सवारी छोड़ने आने जाने वाले वाहन चालकों से कोई शुल्क नहीं लिया जा रहा है। इस तरह महिला समूह को पार्किंग की जिम्मेदारी मिलने से लोगों में भी खुशी देखी जा रही है।
नगर निगम प्रशासन ने पार्किंग का ठेका फिलहाल आदर्शनगर मठपारा के महिला समूह शारदेय स्वसहायता समूह को दिया है। इस समूह में अध्यक्ष सहित 15 महिला सदस्य है। महिला को ट्रॉयल के रूप में शुक्रवार को बसस्टैंड पार्किंग की जिम्मेदारी संभालने दिया गया है। इस दौरान महिलाओं को पार्किंग शुल्क लेने का प्रशिक्षण भी दिया गया। हालांकि महिला समूह को पार्किंग का ठेका दिया गया है या फिर निर्धारित वेतन आधार पर रखा गया है, इसकी जानकारी समूह की महिलाएं भी नहीं दे पा रही है। नगर निगम के अधिकारिक सूत्र के अनुसार महिला समूह को फिलहाल ट्रॉयल के रूप में पार्किंग शुल्क वसूली का ठेका दिया गया है। समूह को 12 घंटे, 24 घंटे के हिसाब से कितना पार्किंग शुल्क लिया जाना है, पर्ची कैसे काटनी है, इसका प्रशिक्षण दिया जा रहा है। प्रशिक्षण के बाद महिलाओं की दो शिफ्ट में ड्यूटी लगाई जाएगी।
ट्रॉयल के रूप में काटी गई पर्ची
महिला समूह की अध्यक्ष नूतन चंद्राकर ने बताया कि उनके समूह को पार्किंग शुल्क वसूली की जिम्मेदारी सौंपी गई है। दोपहर 2 बजे से महिलाएं बसस्टैंड पार्किंग में ड्यूटी करते हुए शाम तक गाड़ियों की पर्ची भी काटी है। उन्होंने बताया कि नगर निगम के अधिकारी सभी महिलाओं को पर्ची काटने एवं पार्किंग शुल्क कितना और कैसे वसूले, इसकी जानकारी भी दी गई है। पहले दिन 12 घंटे एवं 24 घंटे का पार्किंग शुल्क के रूप में 10 एवं 20 रुपए की पर्ची काटी गई है। यह ट्रॉयल के रूप में पर्ची काटी गई है। शुल्क अभी तय किया जाना है।
महिला स्वसहायता समूह को पार्किंग की जिम्मेदारी
डॉ. विपिन बिहारी सूर वार्ड के पार्षद मनोज वर्मा ने बताया कि, महिला स्वसहायता समूह को पार्किंग शुल्क की जिम्मेदारी देने की तैयारी की जा रही है। इसके लिए समूह की महिलाओं को प्रशिक्षण दिया जा रहा है।