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बीजापुर जिले में चिकटराज मंडई मेला मंगलवार को सम्पन्न हुआ। जहां हर गांवों के देवी- देवता यहां पहुंचते हैं। मंदिर के पुजारी सागर पुजारी ने बताया कि, उनकी विधि विधान के साथ पूजा पाठ की जाती है। 

श्याम करकु-बीजापुर। छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में चिकटराज मंडई मेला मंगलवार को सम्पन्न हुआ। नगर के भट्टीपारा में स्थित चिकटराज देवता का मंदिर स्थापित है। यहां प्रतिवर्ष चैत्र महीने में चिकटराज समिति के द्वारा चिकटराज देवता का मंडई- मेला आयोजन किया जाता है।

चिकटराज मंदिर के पुजारी सागर ने बताया कि, रविवार को यहां दूरदराज से देवी- देवता गुज्जा देव, मारा देव, कनपराज, पोतराज, तुलडोकरी, नंगाभीमा, कंछीबारम, निलबराज, हिरमा राज देव, उरो पोई भीमराज, चिन्नामारा, पेद्दामारा, हुंगागुंडो, काटूराल, हिरमा गुंडो, हडमा राज, पिडगा राज के अलावा बमडा भोगराज पहुंचे। 

पूजा- पाठ का दृश्य
पूजा- पाठ का दृश्य

देवी- देवताओं के मिलन के बाद होती है पूजा 

मंदिर के पुजारी सागर पुजारी ने आगे बताया कि, उनकी विधि विधान के साथ पूजा पाठ की जाती है। दूरदराज से आये सभी देवी- देवताओं का मेल मिलाप के पश्चात हमारे आराध्य देव चिकटराज देवता के मंदिर के सामने मेला मंडई का आयोजन किया जाता है। यहां सुबह से ही श्रद्धालु अपनी मनोकामना के साथ मंदिर में पहुंचते है। मंदिर के सामने श्रद्धालुओं की भीडभाड रहती है और देर शाम तक पूजा - पाठ का दौर चलता रहता है। वहीं मंडई मेले में चिकटराज देवता के दर्शन के लिए  महाराष्ट, तेंलगाना, उड़ीसा से श्रद्धालु पहुंचते है। इस मंडई मेले में धमतरी कांकेर जगदलपुर - गीदम और दंतेवाड़ा से व्यापारी मुख्य रूप से आते है।

पार्षद नंदकिशोर राणा बोले- चिकटराज देवता हमारे आराध्य देव

नगर के पार्षद नंदकिशोर राणा ने बताया कि, चिकटराज देवता हमारे आराध्य देव है। यहां प्रतिवर्ष चैत्र माह में ही पूरे विधि- विधान के साथ पूजा- पाठ की जाती है। यह मंडई मेला तीन दिनो तक मनाया जाता है। यहां रविवार से ही दूरदराज के देवी -देवताओं का आगमन होता है। सोमवार से सभी देवी- देवताओं की पूजा पाठ कर मंगलवार को सभी दूरदराज से आयें देवी- देवताओं का मेल मिलाप के पश्चात चिकटराज देवता के प्रागंण में मंडई मेला का आयोजन किया जाता है। बुधवार को देवी देवताओ को विदाई देते है। राणा ने बताया कि, चिकटराज देवता का दर्शन खासतौर से महिलाओ के लिए साल में तीन दिन ही दर्शन कर सकते है। बाकी समय चिकटराज देवता का दर्शन करना महिलाओं के लिए वर्जित रहता है।

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