संदीप करिहार-बिलासपुर। बिलासपुर के एक अस्पताल में फर्श पर गर्भवती महिला द्वारा बच्चे को जन्म देने के मामले में हाईकोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया। हाईकोर्ट ने इस लापरवाही पर नाराजगी जताई है। कोर्ट ने स्वास्थ्य सचिव से हलफनामे पर जवाब तलब किया है।
इस पूरे मामले में चीफ जस्टिस की डिवीजन बेंच ने चीफ सेक्रेटरी, स्वास्थ्य सचिव, स्वास्थ्य विभाग संचालक, कलेक्टर सरगुजा के साथ सीएमओ अंबिकापुर, सिविल सर्जन अंबिकापुर और मेडिकल ऑफिसर नवानगर को नोटिस थमाया है। बीते 8 जून को दारिमा के सरकारी अस्पताल में नवानगर निवासी प्रियावती पैकरा ने फर्श पर बच्चे को जन्म दिया था। अस्पताल में डॉक्टर और नर्स स्टाफ नहीं होने से मितानिनों ने असुरक्षित प्रसव कराया था।
ये है पूरा मामला
उल्लेखनीय है कि, उप स्वास्थ्य केंद्र में चिकित्सक और नर्सों के नहीं होने से प्रसव के लिए पहुंची गर्भवती महिला मितानिन ने जमीन में लिटाकर असुरक्षित प्रसव कराया। मितानिन ने बताया कि, अस्पताल में एक भी कर्मचारी मौजूद नहीं थे। वहां पर कोई डॉक्टर भी नहीं था। वहीं किसी ने प्रसव कराने का वीडियो बनाकर सोशल मीडिया में वायरल भी कर दिया।
मितानिनों ने कराया था असुरक्षित प्रसव
दरअसल, दरिमा क्षेत्र के ग्राम पंचायत नवानगर की 25 वर्षीय प्रसूता को प्रसव पीड़ा होने पर सुबह 9 बजे साथ लेकर उप स्वास्थ्य केंद्र पहुंची। वहां पर न तो कोई डॉक्टर था और न ही नर्स। जब प्रसूता की पीड़ा बढ़ी तो मितानिन ने उसे जमीन पर लिटा दिया। डॉक्टर और नर्स को फोन करने के बावजूद भी कोई अस्पताल नहीं पहुंचा। इसके बाद मितानिनों ने प्रसूता को फर्श पर लिटाया और प्रसव कराया।