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गुण-दोष, परफार्मेस समेत कई बिंदुओं पर आंकलन, इसलिए 20 दिनों बाद किया बदलाव

रायपुर। छत्तीसगढ़ में नई सरकार ने पहली बड़ी प्रशासनिक सर्जरी की है। सीएम विष्णुदेव साय ने पदभार ग्रहण करने के 20 दिनों के बाद थोक में बदलाव किया। विलंब इसलिए हुआ क्योंकि श्री साय ने गुण-दोष और परफार्मेंस के आंकलन- समीक्षा के आधार पर अफसरों का चयन किया। प्रशासनिक कसावट को देखते हुए जमावट के लिए उन्होंने संयम दिखाया और काबिलियत के अनुसार अफसरों को फील्ड से लेकर मंत्रालय-सचिवालय में बैठाया। अफसरों को उनके काम के खास अंदाज की वजह से स्थान मिला है। इस बदलाव में उन अफसरों को भी तवज्जो दी गई है, जो पिछले पांच साल महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों से वंचित रहे। जिन लोगों की छवि अच्छी है, उन्हें सामने लाया गया है। पिछली सरकार में महत्वपूर्ण पदों पर रहे कई अफसरों का स्थान बदला गया है।

श्री साय ने 13 दिसंबर को सीएम पद की शपथ ली। आमतौर पर सरकार गठन के तत्काल बाद फेरबदल का सिलसिला शुरू हो जाता है, लेकिन श्री साय ने ऐसा नहीं किया। उन्होने शासन-प्रशासन के कामो को सुगमता से संचालित करने अफसरों को परखने में वक्त लिया। कार्य दक्षता, काम करने की शैली और खास अंदाज का पूरी तरह आंकलन के बाद उन्होंने थोक में बदलाव को अंतिम रूप दिया। मोदी की गारंटी पूरी करने अफसरों की बेहतर जमावट के लिए उन्होंने हाशिये पर रहे काबिल अफसरों को भी फ्रंट से निकाला। 

इनमें प्रमुख सचिव निहारिका बरिक भी हैं। तीन माह पहले वे लंबी छुट्टी से लौटी थी। लौटने के बाद उन्हें पिछली सरकार ने ग्रामीण विकास संस्थान का महानिदेशक बना दिया था। अब उन्हें पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाता, विकास आयुक्त, प्रमुख सचिव इलेक्ट्रॉनिक प्एवं सूचना प्रौद्योगिकी विभाता देकर आगे लाया गया है। उन्होने स्वास्थ्य विभाता में रहते हुए अच्छे काम किए थे। इसी प्रकार पांच साल तक हाशिये पर रही आर. संगीता को आबकरी सचिव और आवास पर्यावरण विभाग दिया गया है। 

कांग्रेस सरकार के समय आबकारी विभाग में शराब घोटाले को लेकर ईडी-आईटी के खापे से यह चर्चा में रहा। वे पहली महिला आईएएस है, जिन्हें आबकारी का कार्यभार दिया गया है। दुर्ग और महासमुंद में कलेक्टर रही आर संगीता पूर्व आईएएस ओपी चौधरी की दैवमेट भी रहीं। पिछली सरकार में टीपी वर्मा को खाद्य और कई विभागों का प्रभार देकर उन्हें खास तवज्जो दी गई । उन्हें अब राजस्व मंडल में भेजा गया है। वहीं मार्कफेड में अब रमेश शर्मा को लाया गया है। अभी वे राजस्व विभाग में थे, अब उसके साथ मार्कफेड भी दिया गया है।

जनप्रतिनिधियों की पसंद का ख्याल 

राज्य सरकार ने डेढ़ दर्जन से अधिक कलेक्टरों को भी बदला है। इनमें से कई कलेक्टरों की चुनाव के समय शिकायत हुई थी। वहीं नए बनाए गए कलेक्टरों में उन्हें जगह दी गई है, जो अपनी साफ छवि के लिए जाने जाते हैं। इनमें डी वेंकट राहुल और गौरव सिंह जैसे आईएएस भी है। जिला प्रशासन में बरसों से निर्वाचन में रहे विपिन मांझी को नारायणपुर कलेक्टर बनाया गया है। हारियावद क्षेत्र के मूल तिकारी माझी ले कई सालों से उप मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के रूप में काम किया बिपिन मांड़ी को नारायणपुर भेजने और मौजूदा कलेक्टर अजीत वसंत को कोरचा भेजने में भी मंत्री केदार कश्यप की पसंद का ध्यान रखा गया है।

बस्तर संभाग के अधिकतर कलेक्टरों को बदला

जल संसाधन विभाठा के विशेष सचिव, विशेष प्रमार राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग और सचिव लोक आयोग अनुराग पाण्डेय को बीजापुर का कलेक्टर नियुक्त किया गया है। श्री पाण्डेय 2009 बैच के आझसरस हैं। रायपुर नगर निगम के आयुक्त रहे 2017 हबैच के आईएएस मयंक चतुर्वेदी को दंतेवाड़ा का कलेक्टर बनाया अया है। 2017 बैच के आईएएस एवं बिलासपुर नगर निगम के आयुक्त कुणाल दुढावत को कोडागांव का कलेक्टर नियुक्त किया गया है। वहीं कांकेर कलेक्टर डॉ. प्रियंका शुक्ला को भी हटा दिया गया है। बस्तर संभाग में बीजापुर, बारायणपुर, दंतेवाड़ा सहित कांकेर कलेक्टर पर चुनाव के समय शिकायतें भी हुई थी।
 

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