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बस्तर के सभी सातों जिलों के अंदरुनी मार्ग बता रहे हैं कि सड़कें कैसे बनी और उखड़ गईं। बस्तर संभाग के नक्सल प्रभावित गांवों की लगभग एक दर्जन सड़कें जर्जर हो चुकी है। 

महेंद्र विश्वकर्मा- जगदलपुर। पत्रकार मुकेश चंद्राकर ने सड़क निर्माण में जिस ठेकेदार ने भ्रष्टाचार किया उसकी पोल खोलते हुए जान गवां दी, हत्यारा पकड़ा गया, पर सवाल अब भी खड़े हैं। सड़कों की ऑडिट में पता चल जाएगा कि अंदरुनी इलाकों की सड़कों पर भ्रष्टाचार किस तरह बह रहा है। बस्तर के सभी सातों जिलों के अंदरुनी मार्ग बता रहे हैं कि सड़कें कैसे बनी और उखड़ गईं। बस्तर संभाग के नक्सल प्रभावित गांवों की लगभग एक दर्जन सड़कें जर्जर हो चुकी है, जिससे ग्रामीणों का आना-जाना मुश्किल हो रहा है। साथ ही कई सड़कें ऐसी हैं कि बारिश के दौरान गांव से ब्लॉक, जिला मुख्यालय तक भी जाना नहीं हो रहा है। नक्सल प्रभावित सुकमा जिले के बंडा से कन्हाईगुड़ा मार्ग, मुरलीगुड़ा से इतकल मार्ग, फायदागुड़ा से गोलापल्ली मार्ग निर्माण होने के कुछ माह में ही उखड़ गया। बीजापुर जिले के दो सड़कें, कोंडागांव जिले के संबलपुर में एक, बस्तर जिले के पखनार की सड़क जर्जर खराब एवं नारायणपुर जिले में पीएमजेएसवाई की ओर बनी रेमावंड सड़क की पुलिया भी बह चुकी है।

खबर के मुताबिक,  बारिश के पहले बनी सड़कों का कोई हिसाब नहीं है। बारिश के बाद कहा जाता है कि सड़क बह गई। बीजापुर जिले के नेलसनार-कोडोली मार्ग पर 22/6 किमी में पुलिया का पहुंच मार्ग बारिश में बह गया था और कुटरू मार्ग 17/2 किमी में जर्जर हो चुका है। नारायणपुर जिले के रेमावंड से मालिगनार मार्ग पर पीएमजेएसवाई की ओर से बनाई गई पुलिया बह चुकी है। कोंडागांव जिले के ग्राम पंचायत संबलपुर में सड़क जर्जर हो चुकी है। इसके अलावा बस्तर जिले के बास्तानार क्षेत्र अंतर्गत पखनार गांव जाने के पांच किमी पूर्व स्थित सड़क की नीचे मुरूम, मिट्टी बह गई है। इन सड़कों का हिसाब मिलना अब मुश्किल है। 

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बताया जा रहा है कि,  बस्तर संभाग के बीजापुर जिले में गंगालूर से नेलसनार गांव नेलसनार-कोडोली- मिरतुर-गंगालुर मार्ग लम्बाई 52.40 किमी मार्ग में 35 से ज्यादा गड्डे हैं। पीडब्ल्यूडी के ओर से बताया कि नेलसनार, कोडोली, मिरतुर, गंगालुर मार्ग लंबाई 52.40 किमी एलडब्लूई योजना में स्वीकृत और 52.40 किमी एलडब्लूई योजना में स्वीकृत और लागत 188.78 करोड़ रूपए है, जिसे 30 भागों में विभक्त किया गया था, जिसमें से 17 भाग ठेकेदार सुरेश चन्द्राकर को दिया गया है। इसकी लंबाई 32.40 किमी लागत 141.39 करोड़ रूपए एवं व्यय 116.17 करोड़ रूपए किया गया है। साथ ही बस्तर, सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर, कोंडागांव, कांकेर एवं नारायणपुर जिले के ग्रामीण क्षेत्र में प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना में भी सड़कों का निर्माण किया गया पर वर्तमान में लगभग दर्जन भर सड़कें जर्जर हैं, जहां से लोगों का आना-जाना मुश्किल हो रहा है। ग्रामीणों ने जर्जर सड़क की मरम्मत करने की मांग की पर अब तक नहीं सका।

बारिश से जर्जर हुई सड़कें

प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना जगदलपुर वृत्त के अधीक्षण अभियंता अमित गुलहरे ने बताया कि बस्तर, सुकमा, दंतेवाड़ा, बीजापुर जिले के लगभग 2-3 सड़क बारिश एवं बाढ़ से जर्जर हुई, जिसकी मरम्मत की जाएगी।

दोषी पर होगी कार्रवाई

लोक निर्माण विभाग जगदलपुर जोन के मुख्य अभियंता जीआर रावटे ने बताया कि सातों जिलों की जर्जर सड़कों की जांच की जा रही है, जिसमें दोषी होने पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। इसके अलावा गंगालूर से नेलसनार गांव तक सड़क के निर्माण कार्य की जांच के लिए सीई सहित कांकेर के अधीक्षण अभियंता संजय सूर्यवंशी, कोंडागांव के कार्यपालन अभियंता एआर मरकाम, एसडीओ आरएन उसेण्डी एवं उप अभियंता जितेन्द्र साहू की टीम गठित की गई।

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