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खेल और युवा कल्याण मंत्री टंकराम वर्मा ने कहा कि, छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों को सुविधाएं दी जाएंगी। खेल अलंकरण और उत्कृष्ट खिलाड़ी योजना शुरू की जाएगी। हमारी सरकार के दौरान नेशनल गेम्स छत्तीसगढ़ में हो इसके लिए पूरी कोशिश करेंगे। 

रायपुर। छत्तीसगढ़ के खेल और युवा कल्याण मंत्री टंकराम वर्मा ने भी कांग्रेस को आड़े हाथों लिया। उनका कहना है कि, कांग्रेस सरकार में खेल के क्षेत्र में भी भ्रष्टाचार हुआ। खिलाड़ियों को खेल सुविधाओं से वंचित रखा गया। अब हम उसे पुनर्जीवित कर रहे हैं।

उन्होंने आगे कहा कि, खिलाड़ियों को शासन स्तर पर सभी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। खेल अलंकरण और उत्कृष्ट खिलाड़ी योजना शुरू की जाएगी। कांग्रेस सरकार ने नेशनल गेम्स की मेजबानी के लिए कोई प्रयास नहीं किया। हमारी सरकार के दौरान नेशनल गेम्स छत्तीसगढ़ में हो इसके लिए पूरी कोशिश करेंगे। 

स्वामी विवेकानंद जी से प्रेरणा लें युवा
वहीं उन्होंने कहा कि, राजस्व के पेंडिग मामलों को भी जल्द निपटाने के लिए मैंने अफसरों को निर्देश दिए हैं। युवा दिवस पर मंत्री टंक राम वर्मा ने कहा कि, स्वामी विवेकानंद जी के आदर्शों को आत्मसात करें। उनसे प्रेरणा लेकर जीवन में आगे बढ़ें।

छत्तीसगढ़ से शुरू हुई थी स्वामी विवेकानंद की आध्यात्मिक यात्रा
आज स्वामी विवेकानंद जी की जयंती है। उनका छत्तीसगढ़ से विशिष्ट संबंध है। स्वामी विवेकानंद की आध्यात्मिक यात्रा की शुरूआत छत्तीसगढ़ से मानी जाती है। बताया जाता है कि, स्वामी विवेकानंद ने साल 1877 में रायपुर की धरती पर कदम रखा था। तब उनकी उम्र 13-14 साल की थी। कहा जाता है कि, रायपुर आते समय रास्ते में उन्हें मधुमक्खी का छत्ता दिखा। उसे देखकर ही उनके मन में आध्यात्म का बीज रोपित हुआ था। बाद में दुधाधारी मठ जैतुसाव मठ और महामाया मंदिर में होने वाले धार्मिक आयोजनों ने आध्यात्म के इस बीज को वृक्ष के रूप में विस्तार दिया।

सरोवर के बीच स्थापित है स्वामी जी की विशाल प्रतिमा 

मधुमक्खियों का छत्ता देखकर विवेकानंद उनके साम्रराज्य की शुरूआत और अंत के बारे में सोचने लगे थे। इसके बाद अक्सर वे अपने पिता से आध्यात्मिक रहस्यों के बारे में बात किया करते थे। उन्होंने दो साल रायपुर में व्यतीत किया था। जिस सरोवर में वे स्नान करने जाते थे वहां आज उनकी विशाल प्रतिमा बनी है। उस सरोवर को स्वामी विवेकानंद सरोवर के नाम से जाना जाता है। 
 

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