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आईएएस मयंक चतुर्वेदी को खदान में निरीक्षण के दौरान जेसीबी मशीन से कुचलने की कोशिश करने वाले चार अभियुक्तों को जिला एवं सत्र न्यायालय ने दस साल कारावास की सजा सुनाई है। 

रायगढ़। एक आईएएस अधिकारी को खदान में निरीक्षण के दौरान जेसीबी मशीन से कुचलने की कोशिश करने वाले चार अभियुक्तों को जिला एवं सत्र न्यायालय ने दस साल कारावास की सजा सुनाई है। चारों पर रायगढ़ में तैनात रहे एक आईएएस अधिकारी मयंक चतुर्वेदी को कुचलने की कोशिश का आरोप है। कोर्ट ने दोषियों कन्हैया पटेल, हरिचरण पटेल, लोकनाथ पटेल और लाल साय निषाद पर 10 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है।

साल 2019 का है मामला

यह पूरा मामला साल 2019 का है। यहां मयंक चतुर्वेदी उस दौरान सहायक कलेक्टर के पद पर तैनात थे। 12 अप्रैल 2019 को मयंक चतुर्वेदी को अवैध पत्थर और डोलोमाइट के खनन की सूचना मिली। इस सूचना पर सहायक कलेक्टर ने एसएस नाग और तीन खनन निरीक्षकों के साथ टिमरलगा खनन क्षेत्र का दौरा किया। उस दौरान एक जेसीबी मशीन के चालक ने मयंक चतुर्वेदी की कार पर अर्थमूवर चढ़ा  दिया। इस घटना मे मयंक चतुर्वेदी बाल बाल बच गए थे। इस घटना में शामिल आरोपी कन्हैया पटेल,हरिचरण पटेल, लोकनाथ पटेल और लाल साईं निषाद पर भारतीय दंड संहिता और अजजा (अत्याचार निवारण) अधिनियम के तहत आरोप लगाए गए हैं। चारों को दोषी ठहराने के अलावा, विशेष अदालत के न्यायाधीश जितेंद्र कुमार जैन ने यह भी आदेश दिया कि अपराध को अंजाम देने के लिए इस्तेमाल की गई कार, जेसीबी मशीन और मोटरसाइकिल जब्त की जाए। 2017 बैच के आईएएस अधिकारी चतुर्वेदी वर्तमान में दंतेवाड़ा में कलेक्टर के पद पर तैनात हैं।

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