पंकज सिंह भदौरिया- दंतेवाड़ा। छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा जिलें के नक्सलियों की उपराजधानी कहे जाने वाली अरनपुर- जगरगुंडा इलाके में आज जनतनाना सरकार ध्वस्त हो चुकी है। इस इलाके में लोकतंत्र बहाल हुआ है। इस बहाली के साथ नियद नेलानार योजना ने यहां अपनी दस्तक दे दी है। माओवाद की मांद में पहली बार विधायक, कलेक्टर और पुलिस कप्तान एक साथ पहुंचे।
वर्ष 2005 -06 में सलवाजुडूम की आग में पोटाली पंचायत ऐसा झुलसा कि, विकास के पथ पर आने में पूरे 19 साल लग गए। यहां सरकार की जितनी भी इमारतें थी नक्सलियों ने जमीदोज कर दिया था। करीब डेढ़ दशक बाद उप स्वास्थ्य केंद्र का उदघाट्न विधायक चैतराम अट्टामी के द्वारा किया गया है। इस दौरान ग्रामीणों ने एक एंबुलेंस की भी मांग विधायक और कलेक्टर से की है। साथ ही कहा कि, बाजार शेड भी टूटा है, इसका भी निर्माण करवाया जाए।
ग्रामीणों की मांग हमारी प्राथमिकता- विधायक
विधायक चैतराम अट्टामी ने कहा कि, जो गांव के लोग हमसे मांग कर रहे हैं, वह तो प्रथम प्राथमिकता है। इसके अलावा भी बहुत कुछ विकास किया जाना है। करीब दो दशक से पिछड़ा ये गांव अब विकसित गांव के रूप में पहचाना जाएगा। जल्द ही सड़क निर्माण किया जाएगा। इतना ही नहीं स्कूल आश्रम सब यही पर होगा।
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वर्ष 1992 में बनी थी स्वास्थ्य केंद्र के लिए इमारत
सन 1992 की बनी इमारत का जीर्णोद्धार कर उप स्वास्थ्य केंद्र संचालित किया जा रहा है. स्वास्थ्य विभाग से जुड़े सूत्रों की माने तो पोटाली में 1992 से उप स्वास्थ्य केंद्र स्थापित है। अविभाजित मध्यप्रदेश शासनकाल में भी स्वास्थ्य सेवाएं यहां बहाल नहीं थी। छत्तीसगढ़ बनने के बाद स्वास्थ्य सेवाएं बहाल हुई तो सलवा जुडूम की आग में यह इलाका ऐसा झुलसा स्वास्थ्य सेवाएं तो छोड़ो शिक्षा के लिए बनी इमारतों को भी जमींदोज किया गया। आश्रम, स्कूल, आंगनबाड़ी को भी तोड़ दिया गया। 19 वर्ष बाद सरकार की नियद नेल्लानार योजना से पोटाली पंचायत एक बार फिर गुलज़ार होने जा रही है। सरकार की इस महत्वपूर्ण योजना को अमलीजामा पहनाने के लिए नेता और अधिकारी ग्राउंड ज़ीरो पर है।