रायपुर। छत्तीसगढ़ में बीएड सहायक शिक्षकों का प्रदर्शन जारी है। पिछले एक हफ्ते से बीएड सहायक शिक्षक तूता धरना स्थल पर प्रदर्शन कर रहे हैं। उनकी मांगे अब तक पूरी नहीं की गई है। वहीं आज महिला-पुरुष शिक्षक सामूहिक रूप से मुंडन प्रदर्शन कर रहे हैं।
उल्लेखनीय है कि, बीएड सहायक शिक्षक काफी समय से अपनी सेवा सुरक्षित रखने के लिए प्रदर्शन कर रहे हैं। लेकिन अब तक उनकी मांग पूरी नहीं हुई है। शुक्रवार को बीएड सहायक शिक्षक महिला-पुरुष ने मिलकर सामूहिक मुंडन कराने का फैसला लिया और दोपहर तक इसकी प्रक्रिया भी शुरू हो गई। पुरुषों के साथ 25 से ज्यादा सहायक शिक्षिकाएं भी अपना मुंडन कराएंगी।
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— Haribhoomi (@Haribhoomi95271) December 27, 2024
हम भविष्य के लिए आत्मसम्मान का दान करने को तैयार हैं- महिला शिक्षिकाएं
महिला शिक्षिकाओं का कहना है कि, अपनी सेवा सुरक्षा और भविष्य के अधिकारों के लिए वे अपनी पहचान और आत्मसम्मान का बलिदान देने के लिए तैयार हैं। महिलाओं का कहना है कि, यह कदम उनके संघर्ष की गंभीरता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि, यह केवल बालों का त्याग नहीं, बल्कि उनके भविष्य के लिए एक गहरी पीड़ा और न्याय की आवाज है।
अब तक सरकार की तरफ से नहीं मिला कोई ठोस आश्वासन
बता दें कि, 14 दिसंबर को अंबिकापुर से रायपुर तक पैदल अनुनय यात्रा शुरू की गई थी। रायपुर पहुंचने के बाद यह यात्रा धरने में बदल गई। इस दौरान शिक्षकों ने सरकार और जनप्रतिनिधियों को अपनी पीड़ा सुनाने के लिए आमंत्रण पत्र भी भेजे लेकिन अब तक सरकार की ओर से कोई ठोस आश्वासन नहीं मिला है।
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न्याय पाने कर रहे बालों का दान – सहायक शिक्षक
शिक्षकों ने आज के सामूहिक मुंडन को ‘न्याय की अंतिम पुकार’ का नाम दिया है। शिक्षकों ने सरकार से सवाल किया है कि, क्या उनके इस संघर्ष और बलिदान को भी अंदेखा किया जाएगा? उन्होंने कहा कि, हम न्याय मांग रहे हैं, दया नहीं। हमारा भविष्य सुरक्षित करना सरकार की नैतिक जिम्मेदारी है। शिक्षकों ने कहा, जब तक सरकार उनकी मांगों पर ठोस निर्णय नहीं लेती तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा।