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प्रत्याशी देवेंद्र प्रताप सिंह विधानसभा पहुंच गए हैं। राज्यसभा पहुंचकर उन्होंने नामांकन दाखिल कर दिया है। 

रायपुर- कुछ दिन पहले चुनाव आयोग ने 56 राज्यसभा सीटों पर चुनाव तारीखों का ऐलान  किया था। उस वक्त राजा देवेंद्र प्रताप सिंह को राज्यसभा का उम्मीदवार बनाया गया था। अब राज्यसभा प्रत्याशी देवेंद्र प्रताप सिंह विधानसभा पहुंच गए हैं। राज्यसभा पहुंचकर उन्होंने नामांकन दाखिल कर दिया है। 

बता दें, 40 प्रस्तावकों की मौजूदगी में चार सेटों में नामांकन दाखिल किया गया है। इस दौरान सीएम विष्णुदेव साय, डिप्टी सीएम विजय शर्मा, मंत्री रामविचार नेताम, सरोज पांडेय समेत कई दिग्गज मंत्री और विधायक मौजूद रहे। 

छोटे से कार्यकर्ता को BJP ने इस जगह पर पहुंचा दिया- देवेंद्र  

नामांकन दाखिल करने के बाद देवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि, जब नाम की घोषणा हुई मुझे कोई भी जानकारी नहीं थी। मीडिया से मुझे पता चला तो बड़ा आश्चर्य हुआ, विश्वास नहीं हुआ कि छोटे से कार्यकर्ता को बीजेपी इस जगह पर पहुंचा देगी। मेरी पवन साय जी और अजय जामवाल जी से बात हुई तो कन्फर्म हुआ कि मेरा ही नाम है। छोटे से कार्यकर्ता को मौका देना बीजेपी में ही संभव है। अब मैं छत्तीसगढ़ की जनजाति के उत्थान के लिए काम करूंगा, मेरे पिता जी कांग्रेस से सांसद रहे हैं। लेकिन मैंने सीधे बीजेपी से सदस्यता ग्रहण किया था। तब से लगातार बीजेपी में रहकर संघ से जुड़ा रहा हूं। 

राजनीति के साथ व्यापार भी करते हैं

राजा देवेंद्र प्रताप सिंह गौंड राजा की विरासत को अभी संभाल रहे हैं। राजा देवेंद्र प्रताप सिंह ने एमए तक की पढ़ाई की है। उन्होंने इतिहास से स्नातकोत्तर तक की उपाधि ली है। राजा देवेंद्र प्रताप सिंह के पिता राज्य सुरेंद्र प्रताप सिंह भी राज्यसभा के सदस्य रहे हैं। राजा देवेंद्र प्रताप कांग्रेस में भी थे, लेकिन दो दशक पहले वो भाजपा में शामिल हो गये और उनकी पत्नी रानी भवानी देवी सिंह है। उन्होंने 10वी और 12वीं रायपुर के राजकुमार कालेज से की, उसके बाद उन्होंने दिल्ली के सेंट स्टीफन कालेज से पढ़ाई की। वो राजनीति के साथ-साथ व्यापार से भी जुड़े हैं। वो अभी भारत पेट्रोलियम रायगढ़ के रिटेल आउटलेट के डीलर हैं, साथ ही कृषि सामिग्री का भी डिलरशिप उनके पास है। अनुसूचित जनजाति से ताल्लुक रखने वाले देवेंद्र प्रताप सिंह राजनीति में भी काफी सक्रिय रहे हैं। 2005-06 में वो अनुसूचित जनजाति मोर्चा के प्रदेश मंत्री रह चुके हैं। 

आरएसएस से कब जुड़े 

2008 में वो भाजपा प्रदेश विशेष आमंत्रित सदस्य बने। 2011-12 में अनुसूचित जनजाति मोर्चा रायगढ़ के जिलाध्यक्ष रहे। 2011 में अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य रहे। वो लैलूंगा के जिला पंचायत सदस्य भी रह चुके हैं। साथ ही रेलवे हिंदी सलाहकार समिति (रेलवे मंत्रालय) के सदस्य भी रह चुके हैं। मौजूदा वक्त में वो देवेंद्र प्रताप सिंह वर्ष 2003 से आरएसएस से जुड़े और उसके बाद भाजपा में सक्रिय राजनीति शुरू की l श्री सिंह वर्तमान में लैलूंगा क्षेत्र से जिला पंचायत सदस्य है लिए उनके पिता सुरेंद्र प्रताप सिंह भी राज्यसभा सदस्य रह चुके है 

राज परिवार से हैं देवेंद्र प्रताप

रायगढ़ जिले के रहने वाले राजा देवेंद्र प्रताप का ताल्लुक राज परिवार से है। रायगढ़ जिले में राजा चक्रधर की याद में चक्रधर समारोह प्रदेश में आयोजित किया जाता है ये उन्हीं के परपोते हैं। देवेंद्र प्रताप सिंह वर्तमान में लैलूंगा की जिला पंचायत के सदस्य हैं। साथ ही वे लैलूंगा विधानसभा क्षेत्र में राजनीतिक रूप से भी काफी सक्रिय हैं इसके पहले वे रायगढ़ जिले के संघ चालक रह चुके हैं। साथ ही रेलवे समिति के सदस्य रह चुके हैं। वहीं संगठन सूत्रों की माने तो उनका कहना है कि, राज्यसभा में देवेंद्र प्रताप सिंह को उम्मीदवार बनाए जाने के पीछे संघ का हाथ है क्योंकि राजा देवेंद्र प्रताप संघ के पसंदीदा हैं और संघ के कई नेताओं से उनकी करीबी भी है। इसके अलावा लैलूंगा के ग्रामीण क्षेत्रों में सक्रिय ढंग से आदिवासियों के बीच संघ के कार्यक्रमों पर काम करते रहे हैं।

परिवार कांग्रेस से ताल्लुक रखता था 

सन 1990 तक लैलूंगा विधानसभा की सीट कांग्रेस की परंपरागत सीट मानी जाती थी। राजा देवेंद्र प्रताप सिंह के पिता स्वर्गीय सुरेंद्र कुमार सिंह ने बतौर विधायक दो दशक से भी अधिक समय तक लैलूंगा विधानसभा में कब्जा जमाए रखा। राजा सुरेंद्र सिंह कांग्रेस का प्रतिनिधित्व करते थे। शुरुआती दिनों में देवेंद्र का झुकाव भी कांग्रेस की ओर रहा मगर बाद में वो भाजपा में शामिल हो गए थे और संघ से भी जुड़े रहे।

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