रायपुर। छत्तीसगढ़ के DMF घोटाला मामले में तीन आरोपियों, निलंबित IAS रानू साहू, सौम्या चौरसिया और सूर्यकांत तिवारी को जेल भेज दिया गया है। मामले में विशेष कोर्ट ने महत्वपूर्ण फैसला सुनाते हुए 19 मार्च तक सभी की रिमांड को बढ़ा दी है। वहीं DMF घोटाला मामले में जेल में बंद आरोपी सौम्या चौरसिया ने जमानत याचिका लगाई है। जिसके बाद विशेष कोर्ट ने याचिका को स्वीकार कर लिया है। मामले में अगली सुनवाई 17 मार्च को होगी।
पिछले साल 11 दिसंबर को DMF घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (Ed) ने निलंबित IAS अफसर रानू साहू, माया वरियर समेत अन्य आरोपियों के 23.79 करोड़ रुपए की संपत्ति को कुर्क किया था। इसमें 21.47 करोड़ रुपए की अचल संपत्ति पाया गया था। यह संपत्ति DMF घोटाले से अर्जित की गई ब्लैक मनी से खरीदी गई थी।
करोड़ों कैश और आभूषण हुए थे जब्त
जांच के दौरान ईडी ने 2.32 करोड़ रुपये की बेहिसाबी नकदी और आभूषण जब्त किया था। जब्त की गई रकम डीएमएफ कार्यों के निष्पादन के दौरान इन लोक सेवकों से मिले रिश्वत राशि का हिस्सा था। इस तरह इस मामले में अब तक कुल अपराध आय (POC) 90.35 करोड़ रुपये थे। उस समय 23.79 करोड़ रुपये की अचल और चल संपत्तियां अनंतिम रूप से कुर्क की गई थी।
15 से 42 प्रतिशत तक कमीशन का खेल
उल्लेखनीय है कि यह कार्रवाई जांच धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के प्रावधानों के तहत की गई थी। ईडी ने आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा दर्ज 3 अलग-अलग एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की थी। जिसमें राज्य सरकार के अधिकारियों ने ठेकेदारों के साथ मिलीभगत करके डीएमएफ को हड़पने की साजिश रचने का आरोप लगा था। DMF ठेकों को धोखाधड़ी से हासिल करने के लिए, ठेकेदारों ने 15 से 42 प्रतिशत तक का भारी मात्रा में कमीशन और रिश्वत का भुगतान किया था।