रायपुर। कोयला घोटाले में जेल में बंद सौम्या चौरसिया की मुश्किलें बढ़ गई हैं। ईडी ने उनके खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए 50 से ज्यादा प्रॉपर्टी अटैच कर दिया है। भिलाई स्थित उनके निवास के बाहर नोटिस चस्पा किया गया है। सौम्या चौरसिया मनी लॉन्ड्रिंग में 16 महीने से जेल में बंद है।
सौम्या चौरसिया पिछली कांग्रेस सरकार में पूर्व CM भूपेश बघेल की डिप्टी सेक्रेटरी रह चुकी है। कोयला घोटाला और मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी ने 2 दिसंबर 2022 को गिरफ्तार किया था। इसके बाद से वे 16 महीने से सेंट्रल जेल रायपुर में बंद हैं। ईडी ने इस मामले में IAS समीर बिश्नोई, सूर्यकांत तिवारी, कोल वॉशरी संचालक सुनील अग्रवाल,IAS रानू साहू, सौम्या चौरसिया समेत अन्य को गिरफ्तार किया था।
करीब 500 करोड़ का हुआ है स्कैम
छत्तीसगढ़ में ईडी ने कथित कोयला घोटाले में 500 करोड़ रुपए की अवैध उगाही को लेकर जांच शुरू की थी। जिसके बाद मनी लॉन्ड्रिंग का केस दर्ज किया गया था। वसूली के लिए नियमों में बदलाव किया गया था। जिसके बाद जांच में ईडी ने चल-अचल संपत्तियां जब्त की थी, जिनमें कई बेनामी भी हैं। आयकर विभाग का आरोप है कि ये स्कैम करीब 500 करोड़ रुपए का था।
कैसे होती है संपत्ति अटैच की प्रक्रिया
ईडी किसी संपत्ति को अटैच प्रिवेंशन ऑफ मनी लांड्रिंग एक्ट के तहत करती है। प्रॉपर्टी अटैचमेंट काले धन या धन की अनियमितता में कार्रवाई तब शुरु होती है। जब उससे सम्बंधित ईडी के पास पर्याप्त सबूत मौजूद होती है। ईडी जब कोई प्रॉपर्टी अटैच करती है, तो उसका मतलब ये नहीं होता कि उसका उपयोग नहीं हो सकता। बल्कि संपत्ति का इस्तेमाल कॉमर्शियल हो सकता है। लेकिन उस संपत्ति का खरीद-फरोख्त या किसी के नाम पर ट्रांसफर नहीं किया जा सकता है।