रायपुर। छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार बनने के साथ ही अब यहां सीबीआई के लिए दरवाजे खुल गए हैं। दरअसल, 2018 में कांग्रेस सरकार बनने के बाद 2019 से सरकार ने राज्य में सीबीआई के प्रवेश पर रोक लगा दी थी। अब जानकारों का कहना है कि, राज्य सरकार ने सीबीआई को मामला देना तय कर लिया है, अब जल्द ही केंद्रीय गृह मंत्रालय को इस संबंध में पत्र लिखा जाएगा।
छत्तीसगढ़ में तत्कालीन भूपेश सरकार ने सीबीआई के प्रवेश पर रोक लगा दी थी। उस समय गृह विभाग ने गुरुवार को केंद्रीय कार्मिक, जनशिकायत और पेंशन मामले तथा केंद्रीय गृह मंत्रालय को पत्र लिखा गया था। इसमें कहा गया कि राज्य सरकार साल 2001 में केंद्र को दी गई उस सहमति को वापस लेती है, जिसके तहत केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा सीबीआई को छत्तीसगढ़ में कोई भी मामलों की जांच के लिए अधिकृत करने की अधिसूचना जारी की गई थी। इससे पहले आंध्रप्रदेश और पश्चिम बंगाल सरकार ने अपने-अपने राज्य में सीबीआई के प्रवेश पर रोक लगा दी थी।
इतनी जांच कर चुकी
उल्लेखनीय है कि, सीबीआई के प्रवेश पर रोक से पहले यहां सीबीआई जग्गी हत्याकांड, बिलासपुर के पत्रकार सुशील पाठक और छुरा के उमेश राजपूत की हत्या, एसईसीएल कोल घोटाला, आईएएस बीएल अग्रवाल रिश्वत कांड, भिलाई का मैगनीज कांड और एक पूर्व मंत्री की कथित अश्लील सीडी कांड की जांच में शामिल थी। राज्य में पिछले 18 सालों के दौरान सीबीआई की ओर से आधा दर्जन मामलों की जांच की जा चुकी है। लोकसभा चुनाव से ऐन पहले राज्य सरकार का बड़ा कदम माना जा सकता है। प्रदेश की एजेंसियों को जांच का जिम्मा दिया जाएगा। जरूरत पड़ने पर सरकार विशेष जांच दल गठित कर देगी, जो अफसरों के साथ न्यायिक अधिकारियों के नेतृत्व में बनाए जा सकते हैं। सीबीआई गठन के कानून में ही राज्यों से सहमति लेने का प्रावधान है।