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कवर्धा जिले के राम्हेपुर में संचालित प्रदेश का एक मात्र एथेनाल प्लांट पिछले महिने भर से बंद पड़ा है। तकरीबन 150 करोड़ रुपए से निर्मित प्लांट से न केवल किसानों को फायदा होने की बातें कही गई थी

संजय यादव- कवर्धा। छत्तीसगढ़ के कवर्धा जिले के राम्हेपुर में संचालित प्रदेश का एक मात्र एथेनाल प्लांट पिछले महिने भर से बंद पड़ा है। तकरीबन 150 करोड़ रुपए से निर्मित प्लांट से न केवल किसानों को फायदा होने की बातें कही गई थी। बल्कि स्थानीय लोगों रोजगार मिलने की बातें भी हुई। लेकिन तकरीबन 3 महीने में ही प्लांट बंद पड़ा हुआ है। 

यह देश और प्रदेश का यह पहला पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप प्रोजेक्ट था। जिसमें करोड़ों रुपए खर्च कर ना केवल जनता को बल्कि सरकार को भी हसीन सपने दिखाए गए थे।‌ जिसका संचालन एक निजी कंपनी के द्वारा किया जा रहा है।‌ बताया जा रहा है कि, कंपनी की उदासीनता और जिम्मेदारों की लापरवाही के चलते प्लांट नुकसान में चल रहा है। जिस पर अब सवालिया निशान भी खड़े हो रहे हैं।

प्लांट के अधिकारियों ने रॉ मटेरियल नहीं होने का दिया हवाला 

इधर प्लांट के अधिकारी रा मटेरियल नहीं होने का हवाला देकर प्लांट को बंद होने की बात बता रहे हैं। जबकि जिले के दो शुगर फैक्ट्री में से एक में अभी भी प्रयाप्त मोलासिस होने की बातें सामने आई हैं। इसके बावजूद प्लांट को बंद करना और रा मटेरियल नहीं होना बताये जाने पर अधिकारियों के मंसूबों पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो रहा है।
 

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