रविकांत सिंह राजपूत- कोरिया। छत्तीसगढ़ के कोरिया जिले में एक महिला शिक्षिका फर्जी मार्कशीट के जरिए प्रमोशन पाने में सफल रही है। उसने हिंदी भाषा का प्रचार- प्रसार करने वाली संस्था 'हिंदी साहित्य सम्मेलन' से ग्रेजुएशन करने का मार्कशीट जमा किया और शिक्षाकर्मी वर्ग 3 से वर्ग 2 में प्रमोट हो गई। उल्लेखनीय है कि, 'हिंदी साहित्य सम्मेलन' नामक संस्था इलाहाबाद में है उसकी अंकसूची छत्तीसगढ़ में सरकारी नौकरी के संबंध में मान्य नहीं है।
यहां हम बात कर रहे हैं वर्तमान में विकासखंड सोनहत के पूर्व माध्यमिक शाला कैलाशपुर की प्रधान पठिका श्रीमती रेशमा पांडे की। रेशमा की पहली नियुक्ति 30/09/1998 को मध्य प्रदेश शिक्षाकर्मी भर्ती तथा सेवा भर्ती नियम 1997 के वर्णित दिशा एवं निर्देशों के अनुसार हुई थी। यहां तक तो सब ठीक था, लेकिन लगभग 8 साल बाद शिक्षिका ने अपना दिमाग चलाते हुए 'हिंदी साहित्य सम्मेलन' नामक संस्था से ग्रेजुएशन का मार्कशीट विभाग में जमा किया।
संस्था को सिर्फ हिंदी के प्रचार-प्रसार का अधिकार
संस्था को हम फर्जी इसलिए कह रहे हैं कि, छत्तीसगढ़ में अभी तक इस संस्था का कोई भी पंजीकरण नहीं है। गूगल से मिली जानकारी के अनुसार इस संस्था को सिर्फ हिंदी भाषा का प्रचार- प्रचार करने का अधिकार है, ना कि स्नातक की उपाधि देने की। ऐसी संस्था से अंक सूची बनवाकर शिक्षाकर्मी वर्ग 2 में पदोन्नति का लाभ दिनांक 30.7.2006 को ले लिया गया और आज दिनांक तक प्रधान पाठिका बनकर शान से सेवा दे रही हैं।
सूचना का अधिकार से शिक्षा विभाग ने दी जानकारी
लेकिन प्रशासन की नजर इन पर आज तक नहीं पड़ी। ताज्जुब की बात है कि, कैसे तत्कालीन जिला शिक्षा अधिकारी ने बिना उक्त अंक सूची की जांच किए, बिना उसके सत्यापित हुए उक्त अंक सूची के आधार पर शिक्षिका को पदोन्नति दे दी। अब देखना है कि, प्रशासन ये मामला सामने आने के बाद कोई कार्यवाही करता है अथवा इसी तरह मूकदर्शक बना रहता है। हमें ये सारी जानकारी सूचना के अधिकार अधिनियम 2005 के तहत शिक्षा विभाग से ही प्राप्त हुई है। अब देखना है शिक्षा विभाग अपने ही कागजों को झुठलाता है अथवा कोई कड़ी कार्यवाही कर ऐसे भ्रष्ट लोगों को कड़ा संदेश देता है।
शिकायत मिली तो जांच कर आवश्यक कार्श्यवाही करेंगे : डीईओ
उधर इस संबंध में डीईओ कोरिया जितेंद्र गुप्ता कहते हैं कि, अभी तक हमारे पास ऐसा कोई मामला नहीं आया है। हमारे पास लिखित में शिकायत आने दीजिए, हम इस पर जांच कर उचित और वैधानिक कार्रवाई जरूर करेंगे।
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